सर्दी आते ही कश्मीर में करीब 500 मेगावाट बिजली की हुई कमी
कश्मीर में सर्दियों की शुरूआत के साथ ही कश्मीरियों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट को कश्मीर घाटी में ‘असली बिजली की मांग को पूरा करने के लिए करीब 500 मेगावाट की कमी’ का सामना करना पड़ रहा है, जिससे लोगों को लंबे समय तक ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है;
जम्मू। कश्मीर में सर्दियों की शुरूआत के साथ ही कश्मीरियों को बिजली की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट को कश्मीर घाटी में ‘असली बिजली की मांग को पूरा करने के लिए करीब 500 मेगावाट की कमी’ का सामना करना पड़ रहा है, जिससे लोगों को लंबे समय तक ब्लैकआउट का सामना करना पड़ रहा है।
एक अधिकारी ने इसक पुष्टि करते हुए कहा कि कश्मीर में असल पीक पावर डिमांड कम से कम 2400 मेगावाट है, लेकिन लोकल डिस्कॉम (कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पाेरेशन लिमिटेड इस साल अब तक सिर्फ 1900 मेगावाट ही सप्लाई कर पाया है।
वे कहते थे कि इस रविवार यानि 30 नवम्बर को हम सीजन का सबसे ज्यादा लोड कम से कम 1906 मेगावाट सप्लाई कर पाए। हम ज्घ्यादा से ज्यादा 2000 मेगावाट सप्लाई कर पाएंगे।
नए पावर कट शेड्यूल के बारे में पूछने पर, विभाग का कहना था कि अभी किसी नए पावर कट शेड्यूल का कोई प्लान नहीं है। हमारा टारगेट बेहतर और बिना रुकावट पावर सप्लाई देना है।
वे कहते थे कि हमें नार्थ और साउथ कश्मीर के लिए कुछ रिसीविंग स्टेशन मिलने की उम्मीद है, हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही चालू हो जाएंगे ताकि कुछ दिक्कतें दूर हो जाएं और हम बेहतर पावर सप्लाई दे पाएं।
बिजली कटौती के बारे में, अधिकारी ने बताया कि पावर कट मुख्य रूप से बिना इजाजत के इस्तेमाल की वजह से हो रहे हैं। बिजली की। ज्यादातर फलैट रेट वाले इलाकों में लोग बिजली का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं और यही पावर ट्रिपिंग का एक मुख्य कारण है। अभी कश्मीर के 60 परसेंट इलाके फ्लैट रेट वाले हैं।
गौरतलब है कि नवंबर के तीसरे हफ्ते में, यह बताया गया था कि कश्मीर में पीक पावर डिमांड 1900 मेगावाट के निशान को पार कर गई है, जबकि लोकल प्लांट से पावर जेनरेशन लगभग 75 परसेंट कम हो गया है।
अधिकारियों ने बताया था कि कश्मीर डिवीजन में 1925 मेगावाट का पीक पावर लोड था। हालांकि, 24 घंटे के दौरान एवरेज 1566 मेगावाट का पावर लोड था। जिसके अब यूं यूं सर्दी बढ़ रही है, बढ़ने की आशंका है।
इससे पहले, विभाग ने बताया था कि सेंटर से 800 मेगावाट और दिए गए हैं। इस साल से, हमारे पास सेंट्रल पूल से 1300 मेगावाट है। हमने दूसरे राज्यों के साथ बैंकिंग शुरू कर दी है।