भारत में 1980 से बढ़ी आर्थिक असमानता : रिपोर्ट

देश के आर्थिक विकास की तमाम नीतियों पर सवालिया निशान लगाते हुए वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 1980 के दशक से आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ी है;

Update: 2017-12-14 23:06 GMT

नई दिल्ली। देश के आर्थिक विकास की तमाम नीतियों पर सवालिया निशान लगाते हुए वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की रिपोर्ट कहती है कि भारत में 1980 के दशक से आर्थिक असमानता तेजी से बढ़ी है। वर्ल्ड इनेक्वलिटी लैब की रिपोर्ट में इस श्रेणी में तीन अन्य देश- अमेरिका, चीन और रूस भी शामिल हैं।  इस रिपोर्ट का संकलन वर्ल्ड हेल्थ इनकम डाटाबेस ने किया है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी बदलाव के बाद 1980 के दशक से असमानता काफी बढ़ गई है। दरअसल, यह बदलाव विनियमन में ढील और सुधार के मार्ग खोलने पर केंद्रित था। 

वर्ष 2014 में भारत में महज एक फीसदी लोगों की आमदनी का राष्ट्रीय आय 22 हिस्सा था। वहीं 10 फीसदी धनी लोगों की आमदनी की भागीदारी राष्ट्रीय आय में 56 फीसदी दर्ज की गई थी। यही नहीं, महज 0.1 फीसदी उच्च आय वर्ग के लोगों की कमाई निन्म आय वर्ग के 50 फीसदी लोगों से ज्यादा थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, 1947 में देश आजाद होने के 30 साल तक देश में आय असमानता कम थी और निम्न आय वर्ग के 50 फीसदी लोगों की आमदनी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा थी।
 

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