फर्स्ट ग्लोबल मामला: सोनिया और चिदंबरम की गिरफ्तारी की मांग

तहलका को वित्त पोषण करने वाली निजी कंपनी ‘फर्स्ट ग्लोबल’ को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को लिखे पत्र के मीडिया में आने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।;

Update: 2017-11-07 18:46 GMT

नयी दिल्ली। तहलका को वित्त पोषण करने वाली निजी कंपनी ‘फर्स्ट ग्लोबल’ को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के तत्कालीन वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को लिखे पत्र के मीडिया में आने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। 

जाने-माने वकील अजय अग्र्रवाल ने पुलिस में शिकायत कर इस मामले में गांधी, चिदम्बरम और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है।

पत्र में फर्स्ट ग्लाेबल के खिलाफ जारी जांच को लेकर निर्देश दिये जाने का उल्लेख है। यह पत्र उस समय जारी  किया गया था जब तरुण तेज पाल तलहका के संपादक थे। तरुण तेजपाल अपनी एक सहयोगी के साथ बलात्कार के मामले में फिलहाल जमानत पर हैं। 

पत्र के मीडिया में आने के बाद अग्रवाल ने नयी दिल्ली रेंज के पुलिस उपायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराकर इस मामले में गांधी, चिदम्बरम और अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि मीडिया में जो पत्र आया है उसमें गांधी जो उस समय राष्ट्रीय विकास परिषद की अध्यक्ष थी और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था, ने चिदम्बरम को एक पत्र लिखा जिसमें कथित रूप से तरुण तेजपाल को ‘राहत’ देने का उल्लेख था। यह पत्र सितम्बर 2004 में लिखा गया। 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पत्र लिखने के छह दिन बाद फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को बंद कर दिया गया। गांधी ने  चिदम्बरम को निर्देश दिये थे कि तहलका मामले को सुलझाने को प्राथमिकता दी जाये जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस मामले में किसी भी प्रकार का अनुचित या गैर कानूनी कार्य नहीं किया गया है।

इस पत्र के लिखे जाने के चार दिन बाद ही संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने एक मंत्री समूह गठित किया। समूह के गठन के दो दिन बाद ही फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को बंद कर दिया गया। 
 

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