प्याज की एक गाँठ

चार रुपए किलो प्याज;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-09-20 21:39 GMT

चार रुपए किलो प्याज

आवाज लगाई

बशीर भाई ने

मैं चौंका

वे हँस कर बोले

ले जाइए साहब

हफ्ते भर बाद

यही भाव याद आएगा

अल्लाह जाने

यह सिलसिला

कहाँ तक जाएगा

जेब में हाथ डालते हुए

मैंने कहा

आधा किलो

सुन कर बशीर भाई कुछ बोले नहीं

और एक की जगह

आधा किलो तौलते हुए मेरे लिए

ऐसा लगा

जैसे कुछ मुश्किल में पड़ गए

उनकी तराजू का

भारी वाला पलड़ा

हमेशा की तुलना में

आज कुछ कम नीचे झुका

प्याज की एक गाँठ

और उतारें या न उतारें

इस सोच में

उनका हाथ

ग्राहक से रिश्ता तय करता था

एक क्षण को

हवा में रुका

और आखिरकार

बशीर भाई जीत गए

मैं रास्ते भर

झोले में डाली

प्याज की उस एक गाँठ को

आँखों में लिए-लिए

घर लौटा।

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