सपा-बसपा गठबंधन को विफल करने में सीबीआई का इस्तेमाल: कांग्रेस

कांग्रेस ने आज मोदी सरकार पर उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन को विफल करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया;

Update: 2019-01-07 19:01 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज मोदी सरकार पर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन को विफल करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस ने कहा कि सरकार कथित अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल करके प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन को नाकाम करने की कोशिश में जुटी है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने संसद के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "उन्होंने पिछले साढ़े चार सालों में किसी भी विपक्षी दल को नहीं बख्शा, चाहे कांग्रेस हो या राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) या फिर राजद (राष्ट्रीय जनता दल), द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम), तेदेपा (तेलुगू देशम पार्टी) व अन्य। वे सपा और बसपा के बीच गठबंधन को नाकाम करने की कोशिश कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सीबीआई की कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी द्वारा विपक्षी दलों के लिए चेतावनी है। 

उन्होंने कहा, "आज लोकतंत्र खतरे में है। हम अखिलेश यादव के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई की निंदा करते हैं। देश इस तरह की तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करने जा रहा है।"

आजाद ने कहा कि विपक्षी दल अतीत में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खिलाफ एकजुट हुए थे, लेकिन उन्होंने विपक्ष के साथ कभी इस तरह का व्यवहार नहीं किया, जिस तरह मौजूदा सरकार कर रही है। 

सीबीआई ने अवैध रेत खनन मामले में अपनी जांच के सिलसिले में शनिवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 14 जगहों की तलाशी ली, जिनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की महिला अधिकारी, एक सपा नेता और एक बसपा नेता शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भूमिका की जांच की जा रही है, क्योंकि तात्कालीन सरकार में खनन विभाग अखिलेश यादव के पास था। 

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