सीवी रमन विवि के फर्जी अंक सूची का प्रकरण सदन में उठा
रायपुर ! सीवी रमन विश्व विद्यालय बिलासपुर द्वारा बिना अनुमति पाठ्यक्रम संचालित करने और फर्जी अंकसूची जारी करने का मामला आज विधान सभा में गूंजा।;
रायपुर ! सीवी रमन विश्व विद्यालय बिलासपुर द्वारा बिना अनुमति पाठ्यक्रम संचालित करने और फर्जी अंकसूची जारी करने का मामला आज विधान सभा में गूंजा। सतापक्ष के विधायक शिवरतन शर्मा और देवजी पटेल ने मामला उठाते हुए धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने मांग की । उच्च शिक्षामंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा निजी विवि द्वारा बिना अनुमति पाठ्यक्रम चलाने और फर्जी अंकसूची की कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि फर्जी अंकसूची का मामला होगा तो पुलिस जांच करेगी।
शुक्रवार को ध्यानाकर्षन सूचना के तहत यह मामला उठाते हुए शिवरतन शर्मा ने सरकार से जानना चाहा विवि को एमएससी रसायन व वी लिब पाठ्यक्रम संचालित करने का अनुमति दी गई। 2011 में अनुमति मिलते ही डिग्री बांटने को लेकर भी सवाल उठाया गया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिला पंचायत मे भर्ती हुई थी। 40 युवाओं की डिग्री को संस्था ने स्वीकार किया है यह डिग्री उसी वर्ष की है जब विवि को कार्य संचालित करने अनुमति मिली थी। श्री शर्मा ने कहा उनके पास पूरे दस्तावेजों प्रमाण है उन्होंने मामले की जांच कराने मांग की जवाब में उच्च शिक्षामंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा निजी विवि से फर्जी अंक सूची जारी होने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। विवि को 2011-12 में एमएससी और बी लिब पाठ्यक्रम संचालित करने अनुमति मिली है, मंत्री के जवाब से भी शर्मा संतुष्ट नहीं है उन्होंने दस्तावेजो प्रमाण सदन के पटल पर रखने की मांग करते हुए कहा मंत्री जांच कराएंगे। मंत्री ने कहा अंकसूची जाली है या नहीं इसकी जांच पुलिस करेगी। उन्होने कहा छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग स्थापित किया गया है। जो प्रदेश मे स्थित निजी विवि की मानिटरिंग करते है।
भूपेश बघेल ने कहा इसी तरह प्रदेश में और भी कई शिकायतें है रमन विवि को विविअनुदान आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं थी लेकिन विवि के वेबसाईड में मान्यता होना दर्शाया गया है। देवजी पटेल ने जानना चाहा क्या? विवि को राष्ट्रीय अध्यापक परीषद से अनुमति मिली थी। मंत्री ने जवाब में बताया परीषद से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है सीवी रमन विवि 55 पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। विनियामक आयोग स्वमोटो जांच करता है। उन्होंने कहा हम निजी विवि विवियामक आयोग से 2015 से 2015-16 तक ऐसी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जिसमें विवि द्वारा बिना अनुमति के पाठ्यक्रम का संचालन कर डिग्री बांटी गई है। ऐेसा कोई प्रमाणिक तथ्य विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। जिसमें विवि द्वारा फर्जी अंकसूची एवं डिग्री बाटी गई।