निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर पवन खेड़ा ने उठाए सवाल, 'क्या भाजपा में कमजोर हो चुके हैं प्रधानमंत्री?'

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने निशिकांत दुबे के बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि यह बिना प्रधानमंत्री की स्वीकृति के नहीं हो सकता है;

Update: 2025-04-20 18:25 GMT

नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने निशिकांत दुबे के बयान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछा है। उन्होंने कहा कि यह बिना प्रधानमंत्री की स्वीकृति के नहीं हो सकता है।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह बिना प्रधानमंत्री की स्वीकृति के नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री अपने आप को बहुत मजबूत मानते हैं और उनके इशारे के बिना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई सांसद इस तरह की टिप्पणी कर नहीं सकता है। अगर यह उनकी स्वीकृति के बगैर हुआ है तो प्रधानमंत्री बहुत कमजोर हो चुके हैं। न उनकी अब सरकार पर पकड़ है और न ही पार्टी पर उनकी पकड़ बची है।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं पूछना चाहूंगा कि अगर प्रधानमंत्री की पार्टी पर अब भी पकड़ मजबूत है तो उन्हें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को बोलकर कारण बताओ नोटिस जारी करवाना चाहिए, क्योंकि संविधान पर सीधा हमला बोला है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, इससे पहले सभी ने देखा है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायपालिका पर टिप्पणी की। मैं पूछना चाहता हूं कि ये हमले कौन करा रहा है?"

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था, "अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए।"

हालांकि, भाजपा ने सांसद निशिकांत दुबे और पार्टी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश पर दिए गए बयान से किनारा कर लिया है। दोनों नेताओं ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की चल रही सुनवाई के संदर्भ में न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल उठाए। भारतीय जनता पार्टी ने इन बयानों से किनारा करते हुए इसे इन नेताओं की व्यक्तिगत राय करार दिया और ऐसी टिप्पणियों से बचने का निर्देश जारी किया।

भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है। यह इनका व्यक्तिगत बयान है, भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है। भाजपा इन बयानों को सिरे से खारिज करती है।"

 

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