जांच एजेंसियों की ‘लिमिट’ तय करेगा सुप्रीम कोर्ट, 14 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की तरफ से वकीलों को समन जारी करने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक अहम मामला दर्ज किया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ 14 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगी;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-07-10 08:57 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों की तरफ से वकीलों को समन जारी करने के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक अहम मामला दर्ज किया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ 14 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगी। यह कदम ईडी की तरफ से सीनियर वकीलों अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को समन जारी करने के बाद उठाया गया, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था। ईडी के इस कदम की काफी आलोचना हुई थी।

25 जून को जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एनके सिंह की पीठ ने इस मुद्दे को चीफ जस्टिस के पास भेजा था। कोर्ट ने कहा कि वकील न्याय प्रशासन का अहम हिस्सा हैं और उन्हें अपने पेशेवर कर्तव्यों को निडरता से निभाने का अधिकार है। जांच एजेंसियों की तरफ से वकीलों को सीधे समन करना कानूनी पेशे की आजादी और न्याय व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।

कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या जांच एजेंसी किसी वकील को, जो सिर्फ अपने मुवक्किल को सलाह दे रहा हो, उसे पूछताछ के लिए बुला सकती है? साथ ही, अगर वकील की भूमिका सलाह देने से आगे बढ़ती है, तो क्या उसे सीधे समन किया जा सकता है या इसके लिए न्यायिक निगरानी जरूरी है? ईडी ने बाद में निर्देश जारी कर कहा कि वकीलों को बिना निदेशक की इजाज़त के समन नहीं किया जाएगा। यह मामला न्याय प्रशासन और वकीलों की स्वतंत्रता के लिए अहम माना जा रहा है। कोर्ट का फैसला जांच एजेंसियों की लिमिट तय करने में अहम माना जाएगा, अब सबकी निगाहें 14 जुलाई की सुनवाई पर टिकी हैं।


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