किसान आंदोलन: हिंसा की घटनाओं से कांग्रेस का संबंध नहीं

कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने राज्य में पिछले लगभग एक सप्ताह से जारी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात दोहराते हुए कहा कि हिंसा की घटनाओं से उनकी पार्टी का कोई संबंध नहीं है;

Update: 2017-06-09 17:12 GMT

भोपाल।  कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने राज्य में पिछले लगभग एक सप्ताह से जारी किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात दोहराते हुए कहा कि हिंसा की घटनाओं से उनकी पार्टी का कोई संबंध नहीं है।

पार्टी अहिंसा की समर्थक है और किसानों से भी शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन करने का अाग्रह करती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के राज्य के आंदोलन प्रभावित नीमच जिले के दौरे के एक दिन बाद आज यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव और विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने संवाददाताओं से चर्चा में यह बात कही।
 यादव ने कहा कि किसानों का आंदोलन एक जून से चल रहा है।

आंदोलन बढने पर चार जून को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुडे संगठन भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद किसानों की मांग मान लेने का दावा किया और आंदोलन स्थगित करा देने की घोषणा की।

 यादव ने कहा कि वास्तविकता यह थी कि आंदोलन समाप्त नहीं हुआ था और श्री चौहान ने अपने दल से जुडे संगठन के प्रतिनिधियों से ही चर्चा की थी। इस वजह से इसके बाद आंदोलन तेज और उग्र हो गया। इसके चलते मंदसौर जिले में पुलिस को गाेलियां भी चलाना पडीं, जिसमें छह किसानों की मौत हो गयी।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री संवेदनशील व्यक्ति माने जाते हैं लेकिन वे और उनके मंत्री अभी तक शहीद किसानों के परिजनों से मिलने तक नहीं पहुंचे। विपक्ष के नेता सिंह ने भी यही बातें दोहराते हुए कहा कि किसानों के मौजूदा आंदोलन से साबित हो गया है कि राज्य सरकार पिछले कुछ वर्षों से किसानों की खुशहाली के संबंध में उपलब्धियां प्रचारित करवा रही है और उनका वास्तविकता से संबंध नहीं हैं।

हिंसा की घटनाओं और गोलीचालन के संबंध में गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह के बदलते हुए बयानों से भी साफ हो गया है कि सरकार की प्रशासनिक क्षमता कैसी है।  सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि मुख्यमंत्री ने जहां शहीद किसानों के परिजनों से मिलकर उनके प्रति संवेदना व्यक्त नहीं कीं, वहीं बात बात पर ट्वीट करने वाले श्री मोदी इस विषय पर मौन हैं।

विपक्ष के नेता ने कहा कि वे भी राज्य में शांत वातावरण चाहते हैं और इसके लिए पहल राज्य सरकार को करना चाहिए। मुख्यमंत्री को सर्वदलीय बैठक भी बुलाना थी। उन्होंने दोहराया कि आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाओं में कांग्रेस नेताओं की भूमिका कतई नहीं है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसानों का बंटवारा पार्टी के आधार पर नहीं होना चाहिए। किसान, किसान ही होता है और राज्य में वर्तमान में चल रहा आंदोलन भी किसानों का ही है।

कांग्रेस राज्य के किसानों और उनकी मांगों के समर्थन में है। इन सबके बावजूद वह चाहते हैं कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगडना नहीं चाहिए और किसानों की मांगें भी पूरी होना चाहिए।

एक सवाल के जवाब में  यादव ने कहा कि राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर किसानों के हित में और ज्यादा काम किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरे देश में शुरूआत से ही किसानों के हित में कार्य करती आ रही है और आगे भी करेगी। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा बनाए जा रहे झूठे प्रकरण वापस लिए जाएं।

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