न्याय विभाग ने एक्स पर बयान जारी कर कहा कि इन दस्तावेज में राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ किए गए असत्य और सनसनीखेज दावे शामिल हैं। यदि इनमें थोड़ी भी विश्वसनीयता होती, तो निश्चित रूप से इन्हें राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया होता। फिर भी कानून और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्धता के कारण न्याय विभाग ने इन दस्तावेज को एपस्टीन के पीड़ितों के लिए कानूनी रूप से आवश्यक सुरक्षा के साथ जारी किया है। जारी किए गए एपस्टीन फाइलों में लगभग 30 हजार पृष्ठों के दस्तावेज शामिल हैं, जिनमें कई तथ्य छिपाए गए हैं। एपस्टीन 2019 में न्यूयार्क की जेल में मृत मिला था। उसकी मौत को आत्महत्या माना गया।ट्रंप और मैक्सवेल की एक तस्वीर मिली
अन्य ईमेल में अज्ञात व्यक्ति ने 2021 में लिखा कि उसने उस डाटा को देखा जो सरकार ने ट्रंप के पूर्व सहायक स्टीव बैनन के सेलफोन से प्राप्त किया था। इसमें "ट्रंप और मैक्सवेल की एक तस्वीर मिली। सरकार ने संदेश के उन हिस्सों को छिपा दिया जो यह दर्शाते थे कि इसे किसने भेजा और किसे मिला। एक अन्य फाइल में ट्रंप की धुंधली तस्वीर शामिल थी, जिसमें वह मैक्सवेल के बगल में बैठे नजर आए। ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह एपस्टीन से संबंधित कई दस्तावेज जारी किए थे। नया पारदर्शिता कानून, जिसे पिछले महीने कांग्रेस ने भारी बहुमत से पारित किया गया के अनुसार सभी एपस्टीन फाइलों की सभी जानकारियां सार्वजनिक करने का प्रविधान है।हंगामे के बाद ट्रंप की तस्वीरे वेबसाइट पर बहाल
एपस्टीन फाइलों में शामिल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विवादास्पद तस्वीरों को अमेरिकी न्याय विभाग ने हंगामे के बाद सरकारी वेबसाइट पर फिर से बहाल कर दी हैं। ट्रंप के साथ-साथ 16 अन्य तस्वीरों को वेबसाइट से हटा दिया गया थी, जिस पर डेमोक्रेट सांसदों ने हंगामा करते हुए विभाग से सवाल पूछे थे।बगैर किसी काट-छांट के दोबारा जारी
तस्वीरों को बहाल करते हुए न्याय विभाग ने एक्स पर लिखा कि समीक्षा के बाद ये तय पाया गया कि इन तस्वीरों से एपस्टीन की किसी भी पीड़िता की झलक जाहिर नहीं हो रही है और इसलिए इन तस्वीरों को बगैर किसी काट-छांट के दोबारा जारी किया जा रहा है।महिलाओं के चेहरे उजागर होने की आशंका
डिप्टी अटार्नी जनरल टाड ब्लांच ने रविवार को कहा था कि तस्वीरों में महिलाओं के चेहरे उजागर होने की आशंका के मद्देनजर उन्हें हटाया गया था। इस मामले का राष्ट्रपति ट्रंप से कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि अदालत के आदेश और ट्रंप के हस्ताक्षरित कानून के चलते न्याय विभाग यौन तस्कर जेफ्री एपस्टीन के कंप्यूटर में संरक्षित हजारों दस्तावेज जारी कर रहा है। अब तक 13 हजार दस्तावेज जारी किए जा चुके हैं। हालांकि, एपस्टीन की पीड़िताओं की पहचान छिपाने के नाम पर इन दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर काट-छांट की गई है। इस पर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के साथ-साथ विपक्षी डेमोक्रेट सांसदों समेत अमेरिकी जनता ने आलोचना की है। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों पर इस मामले में मीम भी बने हैं।