आईएलपी नहीं है सीएए के लिए बाधा : कांग्रेस

नागालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एनपीसीसी) ने कहा है कि नगालैंड इनर लाइन परमिट (आईएलपी) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लिये बाधा नहीं;

Update: 2019-12-18 11:23 GMT

कोहिमा। नागालैंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एनपीसीसी) ने कहा है कि नगालैंड इनर लाइन परमिट (आईएलपी) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के लिये बाधा नहीं है।

कांग्रेस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईएलपी सीएए के लिये किसीप्रकार की बाधा नहीं है। भारतीय संविधान के आईएलपी और छठी अनुसूची के तहत राज्यों / क्षेत्रों को छूट दी गयी है। जिसके तहत कोई भी अप्रवासी देश के किसी भी हिस्से में शरण पाने के बाद यह बसने के लिये संरक्षित क्षेत्रों में आसानी से यात्रा कर सकता है। उन्होंने कहा कि नागालैंड के दो क्षेत्रीय दलों- नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को ‘जनता के जनादेश को धोखा देना’ भारी पड़ गया है।

उन्होंने दोनों दलों को सलाह दी कि वे अपने “निरंतर राजनीतिक अवसरवाद के साथ नागाओं भलाई के लिए भाजपा में विलय करें, जो भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों को रोक रहा है।” एनपीएल ने जनजाति होहोओं, छात्र निकायों और नागरिक समाज संगठनों को उनसे सतर्क रहने का आग्रह किया। सीएए की आड़ में हमारे दरवाजे पर आईएलपी से छला गया है। ”

उन्होंने कहा कि नागालैंड के लोगों को जागने से बहुत देर हो चुकी है। सीएए संविधान की धर्मनिरपेक्ष नींव के लिए एक घातक झटका है। यह हिंदुत्ववादी ताकतों की जीत है जो भारत के उदारवादी और बहुलवादी लोकाचार के खिलाफ है, जिसने समय की कसौटी पर कस दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद का विचार धार्मिक है। सीएस जो धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने में भेदभाव करता है। यह न केवल अनुच्छेद 14 बल्कि हमारे संविधान का बहुत ही संस्थापक सिद्धांत है, जिसे धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र कहा जाता है।

 

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