मध्यप्रदेश विधानसभा में GST विधेयक सर्वसम्मति से पारित
देश में कर प्रणाली में सुधार संबंधी मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक-2017 आज विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया;
भोपाल। देश में कर प्रणाली में सुधार संबंधी मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक-2017 आज विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
जीएसटी विधेयक को पारित करने के लिए आहूत विधानसभा की विशेष बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत मलैया ने इसे सदन के समक्ष विचार के लिये पेश किया था।
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसका समर्थन करते हुए इसके लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के योगदान का उल्लेख किया, वहीं सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय देने का प्रयास किया।
विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मलैया ने कहा कि जीएसटी की एक खास बात यह भी है कि यह एक राष्ट्र एक कर प्रणाली है। इससे राज्यों के बीच टैक्स वार नहीं होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाली तकनीक आधारित यह व्यवस्था आर्थिक परिवर्तन के लिये मील का पत्थर साबित होगी।
मलैया ने जीएसटी का इतिहास बताते हुए कहा कि देश में इसे वर्ष 2000 से लागू करने की बात कर रहे हैं। सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में इस प्रणाली को लेकर चर्चा शुरू की गयी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी संबंधी संविधान संशोधन विधेयक संसद की दोनों सदनों में पारित हुआ। इसके फलस्वरूप केन्द्र एवं राज्यों को माल एवं सेवाओं पर कर लगाने की शक्तियां प्राप्त हुई हैं।
जीएसटी कर प्रणाली 17 वर्ष की निरंतर मेहनत और गहन विश्लेषण का परिणाम है। वाणिज्यिक कर मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर विभाग ने समय के अनुरूप इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिये आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी थीं। जीएसटी में आने वाली कठिनाइयों के निराकरण के लिये वाणिज्यिक कर विभाग ने मुख्यालय स्तर पर जीएसटी सहायता केन्द्र स्थापित किया है।