अवैध कब्जों पर सख्ती बरते निगम : बैजल
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज नगर निगम की पाक्षिक बैठक में साफ सफाई और सुन्दरता के कामों की समीक्षा की उपराज्यपाल ने इच्छा व्यक्त की;
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज नगर निगम की पाक्षिक बैठक में साफ सफाई और सुन्दरता के कामों की समीक्षा की उपराज्यपाल ने इच्छा व्यक्त की कि तीनों नगर निगम अपने क्षेत्रों में साफ सफाई, स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए नियमित प्रयासरत रहें और निगम की संपत्ति के रख-रखाव के लिए समुदाय को भी शामिल करें।
तीनों निगमायुक्तों ने उपराज्यपाल को अपने क्षेत्रों में साफ सफाई स्वच्छता, बाजारों के पुनर्विकास और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में उपराज्यपाल को जानकारी दी।
बैठक में दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश, प्रधान सचिव शहरी विकास, प्रधान आयुक्त डीडीए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डूसिब और तीनों निगमायुक्त की मौजूदगी में अधिकारियों ने बताया कि रेस्टोरेंट और पैट्रोल पंप आदि के शौचालयों के प्रयोग के संबंध में बताया कि महिलाओं, बच्चों के लिए यह सुविधा सभी शौचालयों में नि:शुल्क है। शौचालयों के अन्दर और उसके आसपास उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था के संबंध में उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी देते हुए तीनों निगमायुक्तों ने उपराज्यपाल को शौचालयों में उपयुक्त प्रकाश व्यवस्था के बारे में आश्वस्त किया। यह इच्छा व्यक्त की गई कि इस संबंध में साप्ताहिक रिपोर्ट प्रधान सचिवए शहरी विकास को भेजें।
उपराज्यपाल को नगर निगम क्षेत्रों में आने वाले बाजारों के पुनर्विकास के संबंध में भी बताया गया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने चार बाजारों में किए जार रहे पुनर्विकास के बारे बताया। दक्षिणी नगर निगम ने बताया कि 27 बड़े, मझौले बाजारों के पुनर्विकास का काम खत्म हो गया है और 21 छोटे बाजारों का काम प्रगति पर है।
उपराज्यपाल को पूर्वी दिल्ली नगर निगम आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा जनवरी 2018 के मध्य तक दो फ्लाईओवर के नीचे के सौंदर्यकरण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 29 चिन्ह्ति स्थानों पर अतिक्रमण को हटाने की प्रगति की समीक्षा भी की गई। उपराज्यपाल ने जोर देकर कहा कि जो जगह अतिक्रमणमुक्त हो गई है उस पर पुन: अतिक्रमण न हो इसके लिए अनुमति न दी जाए।
टाउन वेन्डिंग कमेटियों का शीघ्र हो गठन : गुप्ता
दिल्ली विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने आज दिल्ली सरकार से मांग की है कि वे टाउन वेन्डिंग कमेटियों को अविलम्ब गठित करें। कमेटी न बनने से पटरी पर दुकान चला रहे दुकानदारों को आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है, उनका शोषण हो रहा है और उन्हें हर तरह से परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सरकार पटरी वालों को आसान ऋण देने पर विचार कर रही है लेकिन असली मुद्दा उनके दुकान लगाने के स्थान का नियमित करने का है। यदि सरकार वास्तव में उनकी मदद करना चाहती है और उन्हें परेशानी से बचाना चाहती है तो वह उनके रोजगार नियमित करने की व्यवस्था करें।
उन्होंने मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि आप ने चुनाव से पहले तीन महीने के अंदर रेहड़ी-पटरी दुकानदारों की आजीविका को संरक्षण देने के लिए दिल्ली सरकार कानून बनायेगी लेकिन आज भी इन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।