अयोध्या जमीन विवाद : जमीयत उलेमा-ए-हिंद पुनर्विचार याचिका दायर करेगी

अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद निर्णय को लेकर शीर्ष न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी;

Update: 2019-11-17 18:21 GMT

नई दिल्ली । अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने पुर्नविचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है।

लखनऊ के मुमताज पीजी कालेज में रविवार को बोर्ड की हुयी एक बैठक में फैसला लिया गया कि मुसलमानो को अयोध्या में अन्य स्थान पर मस्जिद के लिये पांच एकड़ जमीन की कोई जरूरत नहीं है बल्कि उसे विवादित ढांचे की जमीन ही मस्जिद के लिये चाहिये।

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी ने बैठक में लिये गये निर्णयों के बाबत यहां पत्रकारों को बताया कि बाबरी मस्जिद की जमीन के लिये मुस्लिम पक्ष की ओर से मौलाना महफूजुर्रहमान, मोहम्मद उमर और मिस्बाहुद्दीन पुर्नविचार याचिका दाखिल करेंगे। पुर्नविचार याचिका दाखिल करने के लिये 30 दिनो का समय होता है और इस समयावधि के भीतर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट की शरण में फिर जायेगा।

उन्होने कहा कि शरीयत के मुताबिक मस्जिद की जमीन के बदले मुसलमान कोई अन्य भूमि स्वीकार नहीं कर सकते। मुसलमान किसी दूसरे स्थान पर अपना अधिकार लेने के लिये उच्चतम न्यायालय नहीं गये थे बल्कि उन्होने मस्जिद की जमीन वापस लेने के लिये अदालत की शरण ली थी।
 

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