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बचपन में योग शुरू करने के लाभ, बच्चों का शरीर, मन और भावनाएं होते हैं मजबूत

योग भारत की धरोहर है। हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथों में इसके बारे में जिक्र मिलता है। वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में भी योग करने की आदत डालनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि बचपन में योग शुरू करने से बच्चे का शरीर, मन और भावनाएं तीनों मजबूत होते हैं।

बचपन में योग शुरू करने के लाभ, बच्चों का शरीर, मन और भावनाएं होते हैं मजबूत
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जान लें बचपन में योग करने के फायदे, बच्चों में बढ़ती है एकाग्रता और आत्मविश्वास

नई दिल्ली। योग भारत की धरोहर है। हमारे पौराणिक धर्म ग्रंथों में इसके बारे में जिक्र मिलता है। वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में भी योग करने की आदत डालनी चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि बचपन में योग शुरू करने से बच्चे का शरीर, मन और भावनाएं तीनों मजबूत होते हैं।

छोटे बच्चों का शरीर लचीला होता है और उनका मन कहानियों व खेलों से जल्दी जुड़ता है। ऐसे में अगर योगासनों को खेल से जोड़कर करवाया जाए तो बच्चे इसे बड़े चाव से करेंगे और उनका स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा। हम आपको ऐसे कुछ योगासन के बारे में बताएंगे जो बच्चों के शुरुआती दिनों में करवाने चाहिए।

बालासन- यह योगासन बच्चों के लिए प्रभावी है, जिसे करने से मन शांत, शरीर लचीला और पाचन तंत्र बेहतर रहता है। इसे करने के लिए बच्चे घुटनों के बल बैठें। आगे की ओर झुकें और माथा जमीन पर टिकाएं, जिससे पढ़ाई की थकान दूर होती है और नींद भी अच्छी आती है।

वृक्षासन- यह योगासन बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत सुधारता है। इसे करने से बच्चों का संतुलन, एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही पैरों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।

ताड़ासन- यह आसन बच्चों की लंबाई बढ़ाने में बेहद मददगार है। इसे रोजाना करने से रीढ़ की हड्डी सीधी होती है और पूरे शरीर में खिंचाव आता है। यह खिंचाव शरीर की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है।

भुजंगासन- इसे अंग्रेजी में कोबरा पोज भी कहते हैं। इस आसन को करने के लिए शरीर की मुद्रा कोबरा के समान होती है। नियमित करने से बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत, तनाव कम और समग्र शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।

भ्रामरी- यह प्राणायाम तनाव कम करने के साथ एकाग्रता बढ़ाता है। साथ ही याददाश्त को बेहतर बनाता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है। इसके नियमित अभ्यास से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है और उन्हें भावनात्मक रूप से स्थिर रहने में मदद मिलती है।

वयस्कों की तरह बच्चे भी कई तरह की अवस्थाओं से गुजरते हैं। ऐसे में योग करने से आत्मसम्मान और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है।


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