पाकिस्तान: सिंधी कल्चर डे रैली का रास्ता बदलने से मचा बवाल, कइयों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पाकिस्तान के कराची में सिंधी कल्चर डे रैली में आए लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने डंडे बरसाए और कइयों को हिरासत में भी लिया;
कराची। पाकिस्तान के कराची में सिंधी कल्चर डे रैली में आए लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने डंडे बरसाए और कइयों को हिरासत में भी लिया। रविवार को शहर के शरिया फैसल में पुलिस ने अचानक ही लोगों से तयशुदा मार्ग छोड़कर दूसरे पर चलने को कहा। कथित तौर पर लोग नाराज हो गए और मामला बिगड़ गया। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी।
जिओ टीवी ने कराची पुलिस के हवाले से बताया कि रैली में शामिल लोगों की पुलिस से बहस हुई, फिर पत्थर फेंके गए। कथित तौर पर इससे पेट्रोल वैन और एक पानी के टैंकर के शीशे टूट गए। मामला बिगड़ते देख पुलिस ने
फायरिंग की और लोगों को हिरासत में लिया।
वहीं इस पूरे वाकए के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए हैं। लोगों का आरोप है कि हर साल वो लोग ऐसा करते हैं, लेकिन इस बार पुलिस ने उनसे गलत व्यवहार किया, यहां तक कि अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन पर गोलियां चलाई।
इस बीच, ट्रैफिक भी काफी देर तक बाधित रहा।
सिंध कल्चर डे हर साल दिसंबर के पहले रविवार को मनाया जाता है, जिसे सिंध की संस्कृति में सहनशीलता, शांति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक माना जाता है। रविवार को ही राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने एकता का संदेश देते हुए कहा कि आजादी के वक्त सिंध पहला प्रांत था जिसकी असेंबली ने पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव पास किया था।
लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि वक्त के साथ सिंधियों के मुकाबले पंजाब प्रांत का दबदबा सियासत पर ज्यादा रहा। इसकी वजह आमतौर पर पंजाब प्रांत की जीडीपी में ज्यादा योगदान को दिया जाता है।
पंजाब और सिंध के बीच मुख्य तनाव सिंधु नदी के पानी के बंटवारे, आर्थिक प्रभुत्व और राजनीतिक शक्ति को लेकर रहा है। हाल ही में चोलिस्तान नहर परियोजना ने सिंध में बड़े विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया। सिंधियों को हमेशा डर है कि पंजाब की ओर पानी मोड़ने से उनके प्रांत में सूखा और बर्बादी आएगी, जबकि पंजाब अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देता है और सिंध इस पर निर्भर है, जिससे दशकों पुरानी प्रतिद्वंद्विता गहरी हो रही है।