'वर्क वीजा' पर अमेरिका आये कर्मचारियों को देश छोड़ने से रोक रहे गूगल-ऐप्पल

अमेरिकी टेक दिग्गज गूगल और ऐप्पल में नौकरी वाले वीज़ा पर अमेरिका आये कर्मचारियों को देश छोड़ने से रोक रहे हैं। बिजनेस इनसाइडर ने एक ईमेल का हवाला देते हुए यह दावा किया है;

Update: 2025-12-21 11:00 GMT

'वर्क वीजा' वाले कर्मचारियों को अमेरिका छोड़ने से रोक रहे हैं गूगल, ऐप्पल

वाशिंगटन। अमेरिकी टेक दिग्गज गूगल और ऐप्पल में नौकरी वाले वीज़ा पर अमेरिका आये कर्मचारियों को देश छोड़ने से रोक रहे हैं। बिजनेस इनसाइडर ने एक ईमेल का हवाला देते हुए यह दावा किया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार, गूगल और ऐप्पल कुछ 'वर्क वीजा' वाले कर्मचारियों को दूतावास में देरी के कारण अमेरिका से बाहर यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं। दोनों कंपनियों के बाहरी कानूनी सलाहकारों ने उन कर्मचारियों को ईमेल भेजे हैं जिन्हें अमेरिका में फिर से प्रवेश के लिए वीजा स्टैंप की ज़रूरत है। ऐसे कर्मचारियों को देश न छोड़ने की सलाह दी है क्योंकि वीजा प्रक्रिया में सामान्य से ज़्यादा समय लग रहा है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह देरी अमेरिका आने वाले कुछ खास तरह के यात्रियों के लिए सोशल मीडिया वेरिफिकेशन की ज़रूरतों को लागू करने के कारण हो रही है। पिछले हफ्ते, एनबीसी ने एक अमेरिकी सीमा-शुल्क एवं सुरक्षा (सीबीपी) के दस्तावेज़ का हवाला देते हुए कहा था कि अमेरिकी अधिकारी देश में प्रवेश चाहने वाले विदेशी यात्रियों से पिछले पांच सालों का सोशल मीडिया डेटा मांगने की योजना बना रहे हैं।

चैनल ने यह भी साफ किया कि सीबीपी आवेदकों के पिछले पांच सालों में इस्तेमाल किये गये फोन नंबर, ईमेल एड्रेस और परिवार के करीबी सदस्यों के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा करेगा। इसमें परिजनों के नाम, जन्मतिथि और रिहाइश की जगह शामिल है। उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने नवंबर में वीजा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे डायबिटीज, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को इनके आधार पर वीज़ा देने से मना कर सकते हैं।

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग की नीति वीजा अधिकारियों को निर्देश देती है कि वे कई नये कारणों से आवेदकों को अमेरिका में प्रवेश देने से मना कर सकते हैं। इसमें रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंचना, बूढ़े माता-पिता होना, और "खास ज़रूरतों" या विकलांगता वाले आश्रित होना शामिल है।

इससे पूर्व, सीबीपी ने आंकड़े जारी करते हुए कहा था कि अमेरिका ने पिछले एक साल में देश में आने वाले विदेशियों के फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की रिकॉर्ड संख्या में तलाशी ली है।

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