धान खरीदी के मामले में विधानसभा में हंगामा, विपक्ष का बहिर्गमन

धान खरीदी समितियों और मिलर्स को शासन द्वारा भुगतान करने का मामला विधानसभा में गरमाया रहा। खाद्य मंत्री अमर जीत भगत के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने न केवल हंगामा किया बल्कि सदन से बहिर्गमन किया;

Update: 2021-03-07 22:04 GMT

रायपुर। धान खरीदी समितियों और मिलर्स को शासन द्वारा भुगतान करने का मामला विधानसभा में गरमाया रहा। खाद्य मंत्री अमर जीत भगत के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने न केवल हंगामा किया बल्कि सदन से बहिर्गमन किया।

भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा के सवाल का देते हुए खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि राज्य स्तर पर मंत्रिमंडल की एक उप समिति बनाई गई है। शिवरतन शर्मा ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार के निर्देश पर यह कमेटी बनाई गई है?

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जो भी राज्य सरकार एमएसपी पर धान खरीदी करती है, वह केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर किया जाता है।

विधायक शिवरतन शर्मा ने पूरक सवाल करते हुए पूछा कि क्या समिति के कमीशन का भुगतान हुआ है?

मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि 2019- 20 के लिए समिति के कमीशन का 262 करोड़ 80 लाख और लेबर 80 करोड़ का भुगतान किया गया।

शिवरतन शर्मा ने पूछा कि इसी विधानसभा में मंत्री ने स्वीकार किया है कि 2019-20 में 44 हजार टन लॉस हुआ है। कितने  मिलर्स को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है ?

मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मिलर्स को 630 करोड़ का भुगतान होना है। 430 करोड़ का भुगतान हो चुका है। जैसे - जैसे बिल आ रहे हैं उनका मिलान कर भुगतान किया जा रहा है।

भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा कि एक च्ंिटल चावल के पीछे प्रासंगिक व्यय कितना होता है? मिलर्स को भुगतान के पीछे देरी होने की वजह यही है?

अमरजीत भगत ने कहा कि 9 रुपए प्रासंगिक व्यय है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ग़लत जवाब दे रहे है। मैंने पूछा है कि प्रति च्ंिटल प्रासंगिक व्यय कितना आता है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।

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