सीआरपीसी, आईपीसी में होंगे बड़े बदलाव, संसद में जल्द पेश होगा संशोधित ड्राफ्ट : अमित शाह

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज हरियाणा के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित किया;

Update: 2022-10-27 23:27 GMT

नई दिल्ली। म। इस दौरान उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय सीआरपीसी, आईपीसी और एफसीआरए में सुधारों पर लगातार काम कर रहा है और जल्द ही इनका संशोधित खाका संसद में पेश किया जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर और नॉर्थईस्ट, जो पहले कभी हिंसा और अशांति के हॉट स्पॉट होते थे, वो अब विकास के हॉट स्पॉट बन रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले 8 सालों में नॉर्थईस्ट में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और 2014 के बाद से उग्रवाद की घटनाओं में 74 प्रतिशत, सुरक्षा बलों के हताहतों की संख्या में 60 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में लगभग 90 प्रतिशत की कमी आई है।

अमित शाह ने बताया कि शांति समझौतों के तहत 9 हजार से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। वहीं नॉर्थईस्ट में शांति बहाल होने से 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से अफस्पा को हटा लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति में सुधार पर अमित शाह ने कहा कि इन क्षेत्रों में हिंसा की घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है और इन घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में 85 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की गई है।

अमित शाह ने कहा कि साइबर अपराध आज देश और दुनिया के सामने बहुत बड़ा खतरा है और इसके खिलाफ लड़ाई में गृह मंत्रालय कमर कस कर तैयार है। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी मोदी सरकार ने कई पहल की हैं और उन्होंने सभी मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया कि वे इन पहलों पर अमल की स्वयं निगरानी करें। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सीमा सुरक्षा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती राज्यों को केन्द्रीय ऐजेंसियों और सुरक्षाबलों के साथ मिलकर अधिक समन्वित प्रयास करने होंगे।

शाह ने बताया कि मोदी सरकार 'एक डाटा एक एंट्री' के सिद्धांत पर काम कर रही है और इसके तहत एनआईए को आतंकवादी मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, एनसीबी को नारकोटिक्स मामलों से संबधित नेशनल डेटाबेस, ईडी को आर्थिक मामलों से संबधित डेटाबेस और एनसीआरबी को फिंगरप्रिंट डेटाबेस एवं यौन अपराधियों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने की जि़म्मेदारी दी गई है।

अमित शाह ने अंत मे कहा कि आजादी के अमृत काल में सहकारी संघवाद की भावना हमारी प्रेरक शक्ति होनी चाहिए और विश्वास व्यक्त किया कि यह चिंतन शिविर देश में क्षेत्रीय सहयोग का और विस्तार करेगा।

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