पोप जिन्होंने अमेरिका को आईना दिखाया

रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में ईस्टर सोमवार को निधन हो गया;

Update: 2025-04-26 02:03 GMT

- जगदीश रत्तनानी

2015 में आए एन्सिक्लिकल में विविधता, समानता और समावेशन था जिसे वार्षिक रिपोर्ट में पेश किया और दिखाया गया लेकिन उसे वास्तव में उसकी सही भावना में कभी नहीं समझा या लागू नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप ठीक वही हुआ जिसकी एन्सिक्लिकल ने चेतावनी दी थी: '... इसके बाद परस्पर विरोधी हितों, हिंसा और क्रूरता के नए रूपों व पर्यावरण की देखभाल की वास्तविक संस्कृति के विकास में बाधाओं पर संघर्ष होता है।

रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में ईस्टर सोमवार को निधन हो गया। वे गरीबों के पोप थे जिन्होंने कमजोर और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए आवाज़ उठाई, जिन्होंने शांति को बढ़ावा देने के साधन के रूप में अंतर-विश्वास संवाद का समर्थन किया और होली सी के सिद्धांत को स्थायी रूप में उकेरा। पोप फ्रांसिस के समय में कई चीजें पहली बार हुई थीं जिनमें से तीखी और चुभने वाली आलोचना हो सकती है जो उन्होंने अमेरिकी प्रशासन के लिए छोड़ दी थी जिसका पूरा ध्यान अब वैश्विक संबंधों को उखाड़ फेंकने, अप्रवासियों को बदनाम करने और भागीदारों को धमकाने पर केंद्रित है।

पोप फ्रांसिस अपने शुरूआती दिनों में एक चौकीदार और नाइट क्लब बाउंसर के रूप में काम करते थे। वे पोप के माध्यम से प्रतिध्वनित हुए, विशेष रुप से अपने अंतिम दिनों में जब डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी राष्ट्रपति बने और उनके प्रशासन ने अप्रवासियों को निशाना बनाया एवं इसे आव्रजन पुलिस को दी गई व्यापक शक्तियों के साथ शिकार करने और निर्वासित करने का एक मिशन बनाने के बाद उन्होंने स्वयं को स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया। ईस्टर रविवार, 20 अप्रैल को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात के तुरंत बाद पोप का संदेश स्पष्ट था। सेंट बेसिलिका की बालकनी से पढ़े गए बयान में कहा गया कि 'कमजोर, हाशिए पर रहने वाले और अप्रवासियों की अवमानना कब तक की जाती रहेगी!' यह पोप का आखिरी सार्वजनिक 'दर्शन' था लेकिन यह संदेश अमेरिका को ताना मारता और उस पर दबाव डालता रहेगा।

यह एक संदेश है कि वेंस को व्यक्तिगत रूप से एक कैथोलिक के रूप में (वेंस को छह साल पहले बपतिस्मा दिया गया था) और एक सार्वजनिक नेता के रूप में भी सामने आना होगा, खासकर जब उन्होंने एक जटिल तरीके से अप्रवासियों पर कार्रवाई को सही ठहराने के लिए धार्मिक विचारों और अभिव्यक्तियों को चुनने की कोशिश की है, जैसे आर्डर ऑफ लव (लेटिन शब्द 'ऑर्डो एमोरिस') यानी प्रेम का क्रम मतलब मनुष्य सबसे पहले ईश्वर,उसके बाद खुद से और उसके बाद अपने पड़ोसियों से प्रेम करे।

30 जनवरी को वेंस ने 'एक्स' पर कहा: 'जस्ट गूगल 'ऑर्डो एमोरिस' (गूगल पर 'ऑर्डो एमोरिस' सर्च कीजिये)। वेंस इस विचार को समझते हैं कि दान के लिए एक आदेश है जो दूसरों से पहले परिवार और घर को लाता है। इसके आगे यह तर्क दिया जा रहा था कि मातृभूमि की रक्षा के लिए अप्रवासियों को बाहर फेंक दिया जाना चाहिए।
पोप फ्रांसिस पर दायित्व था कि वे इस मामले में तुरंत एक स्पष्टीकरण भेजें। 10 दिन बाद सभी अमेरिकी धर्माध्यक्षों को एक पत्र में उन्होंने लिखा- 'ईसाई प्रेम हितों का एक केंद्रित विस्तार नहीं है जो अन्य व्यक्तियों और समूहों के लिए थोड़ा-थोड़ा करके विस्तारित होता है ... मानव, व्यक्ति गरिमा के साथ एक विषय है जो सभी के साथ विधायक संबंध के माध्यम से, विशेष रूप से सबसे गरीब के साथ, धीरे-धीरे अपनी पहचान और ईश्वरीय आह्वान में परिपक्व हो सकता है। सच्चा ऑर्डो एमोरिस वह है जिसे हम लगातार ध्यान करके खोजते हैं, जिसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए.., उस प्रेम पर जो बिना किसी अपवाद के सभी के लिए भाईचारे का निर्माण करता है।

अस्वस्थ और बीमारियों से जूझ रहे 266वें पोप का मजबूत रुख और स्पष्ट संदेश उनकी भावनाओं की गहराई और उस दर्द का संकेत देते हैं जो अमेरिका ने उन जैसे नेता को दिया जिसने गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों की सेवा करने को अपना मिशन बना लिया था। अमेरिकी धर्माध्यक्षों को लिखे 10 फरवरी के पत्र में कहा गया है: 'जिन्होंने अत्यधिक गरीबी, असुरक्षा, शोषण, उत्पीड़न या पर्यावरण की गंभीर गिरावट के कारण अपना देश छोड़ दिया, पुरुषों व महिलाओं और पूरे परिवारों की गरिमा को नुकसान पहुंचाता है व उन्हें विशेष भेद्यता और रक्षाहीनता की स्थिति में रखताहै, अधिकांश मामलों में उन लोगों को निर्वासित करने का कार्य कोई मामूली मुद्दा नहीं है। कानून का एक प्रामाणिक शासन तभी सटीक रूप से सत्यापित होता है जब सभी लोग, विशेष रूप से सबसे गरीब और सबसे हाशिए पर रखे गए लोगों से गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाए जिसके वे हकदार हैं'।

जब अमेरिका के लोगों सहित कई अन्य,विशेष रूप से व्यवसायों ने इस मामले में चुप्पी साध ली थी तो पोप एक आवाज के रूप में भी सामने आए। उनके शब्द अनुचित, अन्यायपूर्ण और 'ऑर्डो एमोरिस' की सच्ची भावना के खिलाफ उठाए गए असहमति के स्वरों को प्रोत्साहित करते हैं और उनके समर्थन में खड़े होते हैं।

आप्रवासियों के समर्थन में लड़ी गई तात्कालिक लड़ाइयों से परे पोप फ्रांसिस को विशेष रूप से उनके 184-पृष्ठ के एन्सिक्लिकल लौदातो सी (प्रेज बी टू यू) के लिए याद किया जाएगा, जो 'हम सबके घर की देखभाल' यानी पृथ्वी के लिए समर्पित है। यह संधारणीयता पर एक ग्रंथ है जो प्रेरणादायक, क्रांतिकारी, समग्र और सिस्टम सोच में आधारित है- देखभाल और प्रेम से भरा दृष्टिकोण बनाम जो व्यवसाय संचालन में निरंतरता का दावा करने के भौतिक मेट्रिक्स से परे है।

यह विजेता के रूप में सामाजिक न्याय, वैश्विक असंतुलन और मानव अहंकार के विचारों की चर्चा की सीमाओं का विस्तार करता है जो अंतत: धरती माता को नष्ट कर देता है। एन्सिक्लिकल जलवायु को एक जटिल प्रणाली कहता है जो सर्वसामान्य के लिए अच्छी है, 'जो बहुत मजबूत वैज्ञानिक सहमति को इंगित करता है कि हम वर्तमान में जलवायु प्रणाली के परेशान वार्मिंग को देख रहे हैं' और 'इसका मुकाबला करने के लिए जीवन शैली, उत्पादन और खपत में परिवर्तन के लिए' कहते हैं। यह बात अधिकांश पश्चिमी आवाजों से परे जा रही है। यह आगे सामाजिक बहिष्कार, असमान वितरण, सामाजिक आक्रामकता के नए रूपों और पहचान के नुकसान की बात करता है। यह तर्क देता है कि 'पिछली दो शताब्दियों के विकास के दौर में हमेशा अभिन्न विकास तथा जीवन की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है'।

2015 में आए एन्सिक्लिकल में विविधता, समानता और समावेशन था जिसे वार्षिक रिपोर्ट में पेश किया और दिखाया गया लेकिन उसे वास्तव में उसकी सही भावना में कभी नहीं समझा या लागू नहीं किया गया। इसके परिणामस्वरूप ठीक वही हुआ जिसकी एन्सिक्लिकल ने चेतावनी दी थी: '... इसके बाद परस्पर विरोधी हितों, हिंसा और क्रूरता के नए रूपों व पर्यावरण की देखभाल की वास्तविक संस्कृति के विकास में बाधाओं पर संघर्ष होता है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।सिंडिकेट: द बिलियन प्रेस)

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