मंदिरों को क्लब की तरह नहीं चलाया जा सकता:  मेनका गांधी

 केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के फैसले का स्वागत किया;

Update: 2018-09-28 16:23 GMT

नई दिल्ली।  केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश देने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि मंदिरों को क्लब की तरह नहीं चलाया जा सकता।

इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि 10 से 50 साल तक की उम्र की महिलाओं को मंदिर जाने से रोकना उनके मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। 

मंत्री ने यहां मीडिया से कहा, "यह हास्यास्पद है कि ईश्वर किसी एक के लिए हैं और दूसरे के लिए नहीं। उन्हें सबके लिए होना चाहिए। यह मंदिर है  कोई जिमखाना क्लब नहीं, जो निर्देश देता है कि कौन प्रवेश कर सकता है और कौन नहीं।"

उन्होंेने कहा, "कुछ लोगों ने मंदिरों को क्लब बना दिया है। यह फैसला उन क्लबों को वापस मंदिरों में बदलने वाला है।"

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