जैसलमेर बस अग्निकांड के बाद भी नियमों की अनदेखी, निजी बसों में जानलेवा माल ढुलाई जारी
जैसलमेर में हुए भीषण बस अग्निकांड में 20 से अधिक यात्रियों की दर्दनाक मौत होने के बाद भी निजी बस संचालक नियमों का उल्लंघन और जानलेवा तरीके से माल ढुलाई का काम कर रहे हैं;
यात्रियों की जान से खिलवाड़: जैसलमेर में निजी बसों में खतरनाक माल ढोने पर विरोध
- परिवहन विभाग पर भ्रष्टाचार के आरोप, एसोसिएशन ने सीएम से की सख्त कार्रवाई की मांग
- जैसलमेर हादसे के बाद भी नहीं सुधरे हालात, ट्रेवल्स बसें बनीं मालवाहक
जैसलमेर। जैसलमेर में हुए भीषण बस अग्निकांड में 20 से अधिक यात्रियों की दर्दनाक मौत होने के बाद भी निजी बस संचालक नियमों का उल्लंघन और जानलेवा तरीके से माल ढुलाई का काम कर रहे हैं। भीलवाड़ा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से निजी ऑपरेटरों के हौसले बुलंद हैं, जिससे आमजन की जान जोखिम में है। यात्री बसों में अत्यधिक माल ढुलाई हो रही है।
एसोसिएशन ने बताया कि निजी ट्रेवल्स की बसों में कपड़े, मोटरसाइकिल और जानलेवा ज्वलनशील वस्तुएं जैसे पटाखे और गैस सिलेंडर भी खुलेआम ढोए जा रहे हैं। यह परिवहन विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन है और यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। एक गाड़ी में कम से कम 10 टन माल भरा जा रहा है।
एसोसिएशन अध्यक्ष विश्वबन्धु सिंह राठौड़ ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जैसलमेर बस अग्निकांड जैसी हृदय विदारक घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि निजी बस संचालक यात्रियों की सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ट्रेवल्स बसें केवल यात्री भार के लिए हैं, किंतु निजी ऑपरेटरों के लालच और परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की अनदेखी ने इन बसों को ट्रकों का रूप दे दिया है।
ज्ञापन में परिवहन विभाग के मौजूद भ्रष्ट अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, जिनके कारण निजी ऑपरेटरों के हौसले बुलंद हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि परिवहन विभाग इन गाड़ियों से बिना बिल लिए परिवहन करवाकर राज्य सरकार के राजस्व को भी हानि पहुंचा रहा है।
एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि इस गंभीर मुद्दे पर शीघ्र कदम नहीं उठाए गए तो भीलवाड़ा गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को मजबूरन यात्रियों की सुरक्षा के हित में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करना होगा, ताकि जैसलमेर जैसे अग्निकांड दोबारा न हों और माल लदान के कारण पूर्व में हुई दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे।