सदन की कार्यवाही में बाधा से विपक्ष को सरकार से अधिक नुकसान : प्रणव मुखर्जी​​​​​​​

प्रणव मुखर्जी ने बतौर राष्ट्रपति अपने भाषण में रविवार को कहा कि एक सांसद रहने के दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि संसदीय कार्यवाही में बाधा से सरकार के बजाए विपक्ष का अधिक नुकसान होता है;

Update: 2017-07-23 22:01 GMT

नई दिल्ली। प्रणव मुखर्जी ने बतौर राष्ट्रपति अपने भाषण में रविवार को कहा कि एक सांसद रहने के दौरान उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि संसदीय कार्यवाही में बाधा से सरकार के बजाए विपक्ष का अधिक नुकसान होता है। 

अपने अनुभवों को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "उन दिनों संसद के दोनों सदन सामाजिक एवं वित्तीय विधेयकों पर गर्मजोशी से भरे वाद-विवाद से गुलजार रहते थे। मुझे सत्ता पक्ष और विपक्ष में बैठकर घंटों और दिनों दिग्गजों के भाषण सुनने के साथ इस जीवंत संस्थान की आत्मा से जुड़ाव महसूस होता था। मैंने बहस और असहमति के वास्तविक महत्व को समझा था।"

संसद के केंद्रीय हाल में हुए अपने विदाई समारोह में मुखर्जी ने कहा, "मुझे अहसास हुआ था कि सदन की कार्यवाही में बाधा से विपक्ष को सरकार से अधिक नुकसान होता है क्योंकि इससे जनहित के मुद्दों को उठाने का मौका नहीं मिलता।"

उन्होंने कहा कि उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू की इस बात को आत्मसात कर लिया था कि संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था बदलाव और निरंतरता के सिद्धांत को मूर्त रूप देती है।

राष्ट्रपति ने अपने भाषण में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए कहा कि इस साल पहली जुलाई को इस कर प्रणाली का अमल में आना भारतीय संघवाद और भारतीय संसद की परिपक्वता की शानदार मिसाल है।

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