जमीयत ने 'उदयपुर फाइल्स' फिल्म की रोक पर किया अदालत का रुख, 9 जुलाई को हो सकती है सुनवाई

एक फिल्म के बहाने फिर से देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश शुरु हो गई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की हत्या पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-07-08 13:13 GMT

नई दिल्ली। एक फिल्म के बहाने फिर से देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश शुरु हो गई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल साहू की हत्या पर आधारित फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' की रिलीज रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है।

यह फिल्म 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है, लेकिन इसके ट्रेलर को लेकर पहले ही विवाद शुरू हो गया है। मौलाना अरशद मदनी ने अपनी याचिका में दावा किया है कि फिल्म का ट्रेलर एक विशेष धार्मिक समुदाय को बदनाम करता है और इसमें सांप्रदायिक तनाव भड़काने की क्षमता है।

याचिका में कहा गया है कि फिल्म में कोर्ट की कार्यवाही, एक मौजूदा मुख्यमंत्री के पक्षपातपूर्ण बयान और पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयानों का जिक्र किया गया है, जिसके कारण 2022 में सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी और कन्हैया लाल की हत्या हुई थी।

याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि फिल्म का ट्रेलर इसे धार्मिक नेताओं और संस्थानों की साजिश के रूप में गलत तरीके से पेश करता है। इसमें पूरे समुदाय के लोगों को ही हत्यारे के रूप में पेश किया गया है। इसके अलावा, ट्रेलर में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद जैसे संवेदनशील और विवादित मुद्दों का उल्लेख किया गया है, जो वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन है। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म का कंटेंट सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है और देश में धार्मिक सद्भाव को कमजोर कर सकता है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात के हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं, जिसमें फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने और सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) द्वारा दिए गए प्रमाणपत्र को रद्द करने की मांग की गई है। संभव है कि याचिका पर बुधवार, 9 जुलाई को सुनवाई हो।

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