म्यांमार सेना रोहिंग्या समुदाय पर कर रही है अत्याचार : एमनेस्टी

लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार की सेना हाल में राखिन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के लोगों के खिलाफ हुए नए युद्ध अपराध और मानवाधिकारों के उल्लंघन में श;

Update: 2019-05-29 14:48 GMT

राखिन । लंदन स्थित मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार की सेना हाल में राखिन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय के लोगों के खिलाफ हुए नए युद्ध अपराध और मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल की “नो वन कैन प्रोटेक्ट अस: वार क्राइम्स एण्ड एब्यूजिज इन म्यांमार राखिन स्टेट” नाम से बुधवार को प्रकाशित नयी रिपोर्ट में बताया गया है कि म्यांमार की सेना ने इस वर्ष जनवरी से निरंतर हमलों में रोहिंग्या समुदाय के मुस्लिमों की हत्या की और उन्हें घायल किया।

एमनेस्टी की 46 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में म्यांमार की सेना पर न्यायिक प्रक्रिया का पालन किए बिना लोगों को मौत की सजा देना, मनमाने ढंग से उनको गिरफ्तार करना, उन्हें प्रताड़ित करना और उनके प्रति दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए गए हैं। म्यांमार की सेना के हमलों के जवाब में राखिन प्रांत के जातीय सशस्त्र समूह अराकन आर्मी ने पुलिस चाैकियों पर हमले किए हैं। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल में दक्षिणपूर्वी एशिया मामलों के क्षेत्रीय निदेशक निकोलस बैकलीन ने कहा, “करीब दो वर्ष पहले रोहिंग्या समुदाय के लोगों पर बड़े पैमाने पर किए गए अत्याचारों का पूरी दुनिया ने विरोध किया था, लेकिन इसके बावजूद म्यांमार की सेना दोबारा राखिन प्रांत में रोहिंग्या समुदाय पर अत्याचार कर रही है।” 

गौरतलब है कि नौ लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी अभी भी पड़ोसी देश बंगलादेश में राहत शिविरों में रह रहे हैं और एमनेस्टी की नयी रिपोर्ट के मुताबिक उनका स्वदेश लौटना असुरक्षित एवं काफी मुश्किल है।

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