हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही : 34 लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान जारी

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। राज्य के अलग-अलग इलाकों में बादल फटने और बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं। अचानक आई बाढ़ के बाद पिछले 24 घंटे से अधिक समय से 34 लोग लापता हैं;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-07-02 08:18 GMT

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है। राज्य के अलग-अलग इलाकों में बादल फटने और बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन और फ्लैश फ्लड की घटनाएं हुई हैं। अचानक आई बाढ़ के बाद पिछले 24 घंटे से अधिक समय से 34 लोग लापता हैं। लापता लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने बुधवार को दूसरे दिन तलाशी अभियान फिर से शुरू किया।

सबसे अधिक नुकसान मंडी जिले में हुआ है। मंगलवार को जिले में 16 बादल फटने और तीन फ्लैश फ्लड की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें एक पुल, 24 मकान और एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट प्लांट को नुकसान पहुंचा। अब तक 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

पिछले 24 घंटे से अधिक समय से जारी आपदा के बाद लापता लोगों के बचने की संभावना कम होती जा रही है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। अब तक चंबा जिले से तीन, हमीरपुर जिले से 51 और मंडी जिले से 316 लोगों को बचाया गया है।

मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि 7 जुलाई तक पूरे राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने 2 से 7 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि पंडोह बांध से लगभग 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण पंडोह बाजार क्षेत्र में बाढ़ का गंभीर खतरा है, जिससे आसपास के आवासीय घरों के डूबने की संभावना है। इसके अलावा मंडी जिले में 'ज्यूनी खड्ड' खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके कारण वहां से तत्काल लोगों को निकालने का काम शुरू किया गया।

राजस्व विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में कम से कम 406 सड़कें बंद हो चुकी हैं। इनमें मंडी में 248, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, ऊना और सोलन में 4-4, जबकि हमीरपुर और किन्नौर जिले की एक-एक सड़क शामिल है।

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