पूर्णबंदी के कारण केएमओयू की आय शून्य, वाहन संचालकों पर देनदारी बढ़ी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के कारण कई लोगों के काम ठप हो गए हैं।;

Update: 2020-05-30 13:23 GMT

हल्द्वानी।  वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के मद्देनजर राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के कारण कई लोगों के काम ठप हो गए हैं। ऐसे में उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में पर्वतीय मार्गों की जीवन रेखा मानी जाने वाली निजी बस ऑपरेटर कूमायूं मोटर्स ओनर्स यूनियन लिमिटेड (केएमओयू) पर भी इसकी मार पड़ी है। उनका खर्च पहले जैसा है लेकिन आय नहीं है।

यह कम्पनी कुमाऊं मंडल के समूचे पर्वतीय मोटर मार्ग समेत गढ़वाल मंडल के चुनिंदा पर्वतीय मोटर मार्गों में यात्री वाहनों का संचालन करती है। इसकी स्थापना 1939 में हुई थी। कोविड-19 के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी पूर्णबंदी के कारण

केएमओयू की बसें बंद होने के कारण उसकी आय कुछ नहीं है लेकिन देनदारियां लगातार बढ़ रही हैं। कुछ ऑपरेटरों के सामने बसें बेचने तक की नौबत आ गई है। उन्हें चालकों एवं परिचालकों को वेतन सहित बीमा, बसों के रखरखाव और बैंक की किश्त आदि देनी पड़ रही है। हालांकि टैक्स में सरकार ने छूट दी है। ऑपरेटरों को खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।

वहीं 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन से ही सार्वजनिक परिवहन सेवा बंद हो जाने के कारण कम्पनी में पंजीकृत वाहन संचालकों की आय नहीं होने से वे देनदारियों के बोझ तले दब रहे हैं। इन देनदारियों में चालक-परिचालकों का वेतन,टैक्स,वाहन बीमा,फिटनेस,परमिट,प्रदूषण प्रमाण पत्र तथा बैंक की मासिक किश्त शामिल हैं। इस तरह प्रत्येक वाहन संचालक पर अब तक एक से दो लाख रुपए तक की देनदारी हो चुकी है। अगर वहान नहीं चले तो उनकी यह देनदारी बढ़ती जाएगी।

एक वाहन संचालक बहादुर सिंह बिष्ट ने यूनीवार्ता को बताया कि वह अपनी बसों को बेचने के बाद सकून महसूस कर रहा है। उसकी बसें हल्द्वानी से रुद्रपुर के लिए सिडकुल सेवा में चलती थी। पूर्णबंदी के वजह से आय नहीं हाेने पर उस पर प्रतिदिन देनदारी बढ़ रही थी। उसने कहा “भगवान का शुक्रमंद हूं सिटी बस बेच दी, एक लाख रुपये बच गए।”

बहादुर सिंह बिष्ट ने बताया 31 मार्च को उनके वाहन का बीमा, फिटनेस और प्रदूषण प्रमाण पत्र की अवधि खत्म हो रही थी और वाहन खड़ा रहने पर चालक-परिचालक को भी तनख्वाह देनी पड़ती। यह सभी व्यय लगभग एक लाख रुपये के करीब बैठते हैं।

प्रदेश के कुमाऊं मंडल में केएमओयू के हल्द्वानी, बागेश्वर, चम्पावत, रामनगर, रानीखेत, अल्मोड़ा तथा पिथौरागढ़ में बस स्टेशन हैं। कम्पनी में पंजीकृत लगभग 250 वाहन संचालक प्रत्येक यात्रा फेरा में हुई कुल बुकिंग का साढ़े सात फीसदी कमीशन के तौर पर कम्पनी में जमा करते हैं। कमीशन के तौर पर जमा होने वाली यह रकम ही कंपनी की आय का स्रोत है जिससे कर्मचारियों का वेतन, कर्मचारी भविष्य निधि अंशदान समेत अन्य खर्च वहन किये जाते हैं।

पूर्णबंदी के बाद से यात्री वाहनों का संचालन बंद होने के साथ ही पिछले दो माह से अधिक समय से कम्पनी को होने वाली आय बंद हो गई। लिहाजा लगभग 165 कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन नहीं मिला है।

भविष्य में यात्री वाहन कारोबार में जल्द कोई सुधार की गुंजाइश नहीं देखते हुए कंपनी प्रबंधन एवं वाहन संचालक 81 वर्ष पुरानी इस कंपनी को जीवित रखने के लिए अब सरकार के आर्थिक पैकेज पर निर्भर है।
 

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