सोशल मीडिया पर कल्लूरी के बयान से बवाल,सेवाशर्तों का उल्लंघन, आईजी पर करें कार्रवाई : भूपेश

रायपुर ! बस्तर के विवादित पुलिस आईजी कल्लूरी द्वारा सोशल मीडिया में अवकाश पर जाने को लेकर की गई टिप्पणी से बवाल मच गया है।;

Update: 2017-02-04 05:43 GMT

सभी आरोपों की स्वतंत्र जांच हो : बघेल

रायपुर !   बस्तर के विवादित पुलिस आईजी कल्लूरी द्वारा सोशल मीडिया में अवकाश पर जाने को लेकर की गई टिप्पणी से बवाल मच गया है। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने इसका कड़ा विरोध  किया है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर संदेश देकर कल्लूरी ने सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है। सोशल मीडिया पर जारी इन बयानों पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री तत्काल कार्रवाई करें। श्री बघेल ने कहा आईजी एसआरपी कल्लूरी पर कई गंभीर आरोप है उन्हें मुख्यमंत्री का संरक्षण है इसलिए कार्रवाई नहीं हुई उन पर लगे सभी आरोपी की स्वतंत्र जांच कराने मांग की है।
 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है आईजी एसआरपी कल्लूरी ने सोशल मीडिया पर यह संदेश देकर सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है कि उन्हें सरकार की ओर से ‘अनिश्चित काल के लिए अवकाश पर जाने के लिए कहा गया है’। इसके बाद श्री कल्लूरी ने सोशल मीडिया पर सफाई देकर दोबारा वही अपराध किया है। श्री बघेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को इस वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश देने चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि अवकाश पर भेजा जाना आईजी कल्लूरी के लिए पर्याप्त नहीं है, उन पर असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने, भय पैदा करने से लेकर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। सरकार को तत्काल सभी मामलों की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवानी चाहिए और फिर जांच के नतीजों के आधार पर सजा देनी चाहिए। रायपुर में जारी एक बयान में श्री बघेल ने कहा है कि यह पूरा देश जानता है कि लगातार हो रहे विवादों, निरंकुश कार्यप्रणाली और अनुशासनहीनता की वजह से आईजी कल्लूरी को अवकाश पर भेजा गया है। लेकिन आईपीएस होने के नाते वे सेवा शर्तों से बंधे हैं और वे सार्वजनिक रूप से इस पर कुछ नहीं कह सकते। लेकिन आईजी कल्लूरी ने दो फरवरी को सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें ‘अनिश्चित काल के लिए अवकाश पर जाने के लिए कहा गया है’। श्री बघेल ने कहा कि जब इसकी खबरें छप गईं तो अगले दिन फिर सोशल मीडिया पर सफाई दी कि वे ‘स्वास्थ्यगत कारणों से अवकाश पर जा रहे हैं’। नियमानुसार वे ऐसी सफाई भी सार्वजनिक रूप से नहीं दे सकते। यह भी देश जानता है कि आईजी कल्लूरी मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को कितने प्रिय हैं और कैसे मुख्यमंत्री उनकी सारी ज्यादतियों को अनदेखा करते रहें हैं लेकिन सेवा शर्तों के अनुसार आईजी मुख्यमंत्री की सार्वजनिक रूप से तारीफ भी नहीं कर सकते। भूपेश बघेल ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जारी इन बयानों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री को तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।  बीमारी के आधार पर अवकाश पर जाने के सवाल पर श्री बघेल ने कहा है कि यदि वे सचमुच इलाज के लिए जा रहे होते तो ‘बेला भाटिया विन्स’ जैसा संदेश न लिखते और न अपनी विफलता के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगते।
 
 सभी आरोपों की स्वतंत्र जांच हो : भूपेश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि एसआरपी कल्लूरी पर कई गंभीर आरोप हैं लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि उन्हें अब तक मुख्यमंत्री का खुला संरक्षण मिला हुआ था। लेकिन अब समय आ गया है कि उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
 श्री बघेल ने कहा कि एक महिला के रिश्तेदार को कथित रूप से कल्लूरी के आदेश पर मार दिया गया। इस महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवाया कि कल्लूरी ने उनके साथ बलात्कार भी किया। लेकिन बाद में यह मामला वापस ले लिया गया। इस बात की जांच होनी चाहिए कि यह पूरा मामला क्या था, किसके दबाव में यह मामला वापस लिया गया और सरकार ने इसे वापस लेने क्यों दिया? एक जेलर ने आत्महत्या करते वक्त अपने पत्र में खुला आरोप लगाया कि वे कल्लूरी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन इस मामले की जांच तक नहीं हुई। सीबीआई की जांच दल ने पाया कि आदिवासियों का घर नक्सलियों ने नहीं पुलिस वालों ने जलाया। कल्लूरी स्वीकार भी करते हैं कि यह सब उनके नेतृत्व में हुआ लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती। सोनकू और बिजलू नामक दो छात्रों को नक्सली बताकर मार दिया गया और कल्लूरी ईनाम बांटते रहे। हाल ही में मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पुलिसकर्मियों ने 16 आदिवासी महिलाओं के साथ यौन हिंसा की। यह घटना भी कल्लूरी के कार्यकाल की है।
 और वे बेला भाटिया से नाराज इसलिए हैं क्योंकि वे इन आदिवासी महिलाओं के बयान दर्ज करवाने में सहयोग कर रही हैं। श्री बघेल ने कहा कि इन सभी मालमों की भी निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। कांग्रेस की मांग है कि मुख्यमंत्री तत्काल इन सभी मामलों की जांच के आदेश जारी करें।

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