'इंस्टॉलेशन-17 इतिहास का अंत’पहुंचे प्रभु
राजधानी के इंडिया हैबिटैट सेन्टर की विजुअल आर्ट गैलरी में चल रही एकल प्रदर्शनी 'इंस्टॉलेशन-17, इतिहास का अंत’का अवलोकन करने पहुंचे रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु;
नई दिल्ली। राजधानी के इंडिया हैबिटैट सेन्टर की विजुअल आर्ट गैलरी में चल रही एकल प्रदर्शनी 'इंस्टॉलेशन-17, इतिहास का अंत’का अवलोकन करने पहुंचे रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अपनी पत्नी श्रीमती उमा प्रभु के साथ कलाकृतियों को देखा और आर्टिस्ट फरहत जमशेद को उनके कल्पनाशील और रचनात्मक कार्यों के लिए बधाई दी।
बता दें कि फरहत रेलवे अधिकारी मोहम्मद जमशेद की पत्नी हैं और देश की जानी पहचानी आर्टिस्ट हैं। विजुअल आर्ट में इस प्रदर्शनी को संचार मंत्रीमनोज सिन्हा ने भी देखा और फरहत के कलात्मक कार्यों की प्रशंसा की।
प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत की प्रख्यात संस्कृतिकर्मी, पदम विभूषणश्रीमती सोनल मानसिंह और पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध फिल्मकारमुजफ्फर अली ने किया।
फरहत जमशेद पिछले दो दशकों से अपनी कलाकृतियों, फर्नीचर और पेंटिंगों से लकड़ी, धातु, क्ले और पेंट के संयोग से कला की एक अदभुत दुनिया रच रही हैं। उनकी हालिया एकल प्रदर्शनी एक लम्बे अंतराल के बाद आई है। इससे पहले उन्होंने लकड़ी के प्राकृतिक स्वरूप के साथ इस्तेमाल करके उम्र की रवानी को कलात्मक तकाजे के साथ पेश किया था।
इंस्टॉलेशन की यह प्रदर्शनी श्रीमती जमशेद के उन चुनिंदा कार्यों को सामने लाती है, जिसमें लकड़ी और धातु को उसके अमूर्त रूप में शिल्पकला, इतिहास, विजुअल डिजाइन और प्रकृति के साथ त्रिआयामी संवाद करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने लकड़ी को उसके सर्वथा प्राकृतिक रूप में, अक्सर बिना पॉलिश के, जड़ समेत उखाड़े और तटस्थ रंगों के साथ इस्तेमाल किया है।
श्रीमती जमशेद इससे पहले दिल्ली और मुम्बई में भी प्रदर्शनी लगा चुकी हैं। पिछले 20 वर्षों में उन्होंने युग चेतना से प्रेरित होकर सैकड़ों कलाकृतियों का निर्माण किया है।