ललित सुरजन की कलम से- प्राकृतिक आपदा, गंगा और नदी जोड़
'यह पांच सितारा संस्कृति ही है, जो बड़ी हद तक पर्यावरण के विनाश के लिए दोषी हैं। इनकी शिनाख्त करने के लिए बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है;
'यह पांच सितारा संस्कृति ही है, जो बड़ी हद तक पर्यावरण के विनाश के लिए दोषी हैं। इनकी शिनाख्त करने के लिए बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है। इन्हें हम जानते-पहचानते हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि अपने तात्कालिक स्वार्थ के लिए मनुष्य और प्रकृति दोनों के विरुद्ध जो अपराध हो रहे हैं उन्हें कैसे रोका जाए।
एक-दो छोटे-छोटे उदाहरणों पर गौर कीजिए। इधर कुछ सालों से बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमरनाथ, वैष्णो देवी जैसे तीर्थों के लिए हेलिकाप्टर सेवाएं शुरू हो गई हैं। इसी तरह श्रीनगर, शिमला, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि तमाम स्थानों पर, और उसी तर्ज पर समुद्र तटीय स्थानों पर विलासितापूर्ण जीवन शैली के लिए भांति-भांति के प्रबंध किए जाने लगे हैं।
इन सबसे पर्यावरण को जो नुकसान होता है उसकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता कोई नहीं समझता। यह सिर्फ अपने देश की बात नहीं, अन्यत्र भी कमोबेश ऐसी ही स्थितियां हैं।'
(देशबन्धु में 11 सितम्बर 2014 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2014/09/blog-post_11.html