ललित सुरजन की कलम से- बिहार चुनाव : कुछ अन्य बातें
बिहार में महागठबंधन की अभूतपूर्व जीत के बारे में टीकाकारों के अपने-अपने विश्लेषण हैं;
बिहार में महागठबंधन की अभूतपूर्व जीत के बारे में टीकाकारों के अपने-अपने विश्लेषण हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने अपने हाल में प्रकाशित लेख में बहुत चतुराई के साथ मोदी-शाह की टीम को ही भाजपा की हार के लिए दोषी ठहरा दिया है।
इसके अलावा कहीं गणित फेल होने की बात हो रही है, तो कहीं केमिस्ट्री सफल होने की। इसमें प्रशांत किशोर याने एक चुनाव प्रबंधक की भूमिका कितनी प्रभावी रही होगी, यह अलग प्रश्न उभर आया है।
उल्खेनीय है कि श्री किशोर ने 2014 में नरेन्द्र मोदी के चुनाव प्रबंधक के तौर पर काम किया था। यह अभी रहस्य ही है कि वे श्री मोदी को छोड़कर नीतीश कुमार के खेमे में कैसे आ गए।
एकाध जगह कहीं लिखा गया कि चुनाव जीतने के बाद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में उन्हें अपमानित किया। इससे आहत होकर उन्होंने पाला बदल लिया। बिहार के नतीजे आने के बाद वे दिल्ली गए और पढऩे में आया कि वे एक तरफ राहुल गांधी से मिले और दूसरी तरफ अरुण जेटली से भी।
(देशबन्धु में 19 नवंबर 2015 को प्रकाशित)
https://lalitsurjan.blogspot.com/2015/11/blog-post_18.html