एनपीएस रद्द करवाने के लिए कर्मचारी चलाए हस्ताक्षर अभियान : लाम्बा

 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने व नेशनल पैंशन स्कीम को रद्द करवाने की मांग को लेकर 27 मार्च को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे;

Update: 2018-02-19 16:07 GMT

फरीदाबाद।  कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने व नेशनल पैंशन स्कीम को रद्द करवाने की मांग को लेकर 27 मार्च को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किए जाएंगे।

इसके लिए पूरे देश में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा और 27 मार्च को प्रधानमंत्री के नाम हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन उपायुक्तों को दिए जाएंगे। इसके बावजूद केंद्र व राज्य सरकारों ने उपरोक्त मांगों पर कोई ठोस कार्यवाही नही की तो 5 से 8 अप्रैल तक चेन्नई में होने वाली 16 वां राष्ट्रीय सम्मेलन में देशव्यापी आन्दोलन तेज करने का निर्णय लिया जाएगा।

यह निर्णय रविवार को अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी महासंघ की मैगपाई टूरिस्ट रिसोर्ट में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सम्पन्न हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता में फेडरेशन के वाईस चेयरमैन अशोक बाबू ने की। फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव ए. श्रीकुमार ने कार्यकारिणी में आन्दोलन का प्रस्ताव रखते हुए कहा की जनवरी-2004 से लागू की गई नई नेशनल पैंशन स्कीम को पीएफ आरडीए बिल पारित कर कर्मचारियों को परिभाषित पैंशन स्कीम से वंचित कर दिया।

पैंशन समाप्त करने में भाजपा व कांग्रेस एक साथ खड़े थे। फेडरेशन के सहायक महासचिव सुभाष लाम्बा ने कहा की  केंद्र व राज्य सरकारों में 50 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े है, लेकिन सरकार खाली पदो के पक्की भर्ती से भरने की बजाय बेरोजार नौजवानों के ठेका प्रथा के शोषण की भट्टी में झौंक रही हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार न तो कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना चाहती और न ही समान काम के लिए समान वेतन देना चाहती। जिसको लेकर अनुबंध कच्चे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी मे लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए फेडरेशन के राष्ट्रीय साहयक महासचिव सुभाष लाम्बा, वाईस चेयरमैन सबिता व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य धर्मबीर सिंह फौगाट ने बताया की मीटिंग मे नेशनल पैंशन स्कीम(एनपीएस ) को समाप्त करवाने व कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाने की मांग को लेकर देश भर मे कर्मचारी जत्थे निकाले जायेंगे और कर्मचारियों को निर्णायक आन्दोलन की तैयारी करने का आह्रवान किया जायेंगा ।

जत्थो के दौरान सभी काग्रेस व भाजपा सहित सभी राजनैतिक दलों से उपरोक्त मांगों पर उनका स्टेंड स्पष्ट करने की मांग की जायेंगी और उनके रूख को ध्यान में रखकर ही लोकसभा सभा चुनाव में वोट देने का निर्णय लिया जायेंगा। मीटिंग में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को जिला मुख्यालयों पर सम्मेलन आयोजित कियें जायेंगे।

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