वोट चोरी के खिलाफ पूरा विपक्ष एक साथ
बिहार में 17 अगस्त से शुरु हुई वोटर अधिकार यात्रा का समापन कार्यक्रम 1 सितंबर को पटना में हो गया;
बिहार में 17 अगस्त से शुरु हुई वोटर अधिकार यात्रा का समापन कार्यक्रम 1 सितंबर को पटना में हो गया। हालांकि इस समापन से एक नयी शुरुआत देश भर में हो चुकी है जिसमें अपने मताधिकार की रक्षा के लिए जनता स्वत:स्फूर्त खड़ी होती दिख रही है। पटना में समापन के मौके पर उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट में फर्जी मतदाताओं की पड़ताल के प्रकरण को दोहराते हुए कहा कि तब तो केवल एटम बम फटा था, लेकिन उससे भी ताकतवर होता है हाइड्रोजन बम, जो अब फूटने जा रहा है। निश्चित ही कांग्रेस पार्टी ने कई ऐसे और सबूत अब तक एकत्र कर लिए होंगे, जिनके सामने आने से बड़ा धमाका होने वाला है। दो दिन पहले गुजरात में कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने लोकसभा सीट नवसारी और विधानसभा सीट चोरयासी पर जांच का दावा किया है। उन्होंने बताया कि कुल मतदाताओं में करीब 30 हजार फर्जी हैं। जब दो सीटों पर इतनी बड़ी संख्या में फर्जी वोटर हैं, तब इस फर्जीवाड़े का दायरा और कितना बड़ा होगा, यह अनुमान लगाया जा सकता है। महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव इसके अलावा लोकसभा चुनावों में भी मतदाता सूची में हेरफेर के इल्जाम श्री गांधी लगा चुके हैं, तो मुमकिन हैं अबकी बार इन्हीं से किसी चुनाव की गड़बड़ी फिर से सामने लाई जाएगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बिहार में यात्रा समापन पर शामिल हुए और उन्होंने कहा कि वोट चोरी पहले से चल रही थी, पकड़ में अब आई है।
पटना में राहुल-तेजस्वी द्वय के साथ जेएमएम से हेमंत सोरेन, शिवसेना से संजय राउत, एनसीपी से जितेंद्र आव्हाड़, टीएमसी से युसूफ पठान, माकपा से एम ए बेबी, भाकपा से डी राजा और एनी राजा सभी समापन के मौके पर शामिल हुए। इससे पहले एम के स्टालिन, कनिमोझी, अखिलेश यादव, पप्पू यादव तो यात्रा में साथ चले भी हैं। इसके संकेत साफ हैं कि वोट चोरी या एसआईआर के जरिए मतदाता सूची से नाम काटने का मुद्दा केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का मुद्दा बन चुका है और समूचा विपक्ष इसमें एक साथ भाजपा के खिलाफ खड़ा है। पूरा विपक्ष चुनाव आयोग पर धांधली के एक जैसे इल्जाम लगा रहा है। अभी आम आदमी पार्टी इसमें शामिल नहीं हुई, लेकिन वोट चोरी की शिकायत वह भी करती है और जब संसद से चुनाव आयोग तक विपक्ष का पैदल मार्च हुआ था, तब आप के सांसद संजय सिंह भी शामिल हुए थे। भाजपा के लिए और नरेन्द्र मोदी की सत्ता के लिए यह अच्छे संकेत नहीं हैं कि विपक्ष पहले से ज्यादा ताकतवर और एकजुट दिखाई दे रहा है।
वैसे तो पूरी यात्रा के दौरान भारी हुजूम उमड़ा रहा, लेकिन समापन के मौके पर न केवल बिहार बल्कि देश के अलग-अलग जगहों से लोग अपने आप पहुंचे थे। गांधी मैदान से अंबेडकर प्रतिमा तक विपक्ष के काफिले को आगे बढ़ने में घंटों लगे क्योंकि तिल रखने की जगह भी नहीं थी। तिरंगे, हरे, लाल, नीले रंग के झंडों से पटना अटा पड़ा था और वहीं बहुत से लोगों ने काले कपड़ों में भी अपनी मौजदूगी दर्ज कराई। लेकिन उनका भी राहुल-तेजस्वी से बैर नहीं था, और न ही नरेन्द्र मोदी की तरह किसी को काले कपड़ों में आने से रोका गया। बल्कि 30 अगस्त को यात्रा के आखिरी दिन भोजपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के 4 कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को काले झंडे दिखाए थे, तो उन्होंने उन युवकों को पास बुलाकर उनकी बात सुनी थी और बताया था कि श्री मोदी के लिए जो अपशब्द कहे गए, तब वो वहां नहीं थे, न किसी कांग्रेसी ने ऐसा कहा है।
हालांकि भाजपा अब इसे ही मुद्दा बनाने की कोशिश में थी। राहुल की सभा में बिजली काटना, ट्रैफिक जाम करवाना, ये सारे दांव भी भीड़ को रोक नहीं पाए, तो श्री मोदी की दिवंगत मां का मुद्दा खड़ा हो गया। पटना में सदाकत आश्रम पर लाठी डंडों के साथ हमले के बाद सोमवार को भी लखीमपुर खीरी में कांग्रेस मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं ने तोड़-फोड़ मचाई और यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ। इधर राहुल गांधी के हाइड्रोजन बम वाले बयान के फौरन बाद भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस की, जिसमें रविशंकर प्रसाद ने उन्हें विपक्ष के नेता की गरिमा का वास्ता दिया। राहुल गांधी की समझ पर सवाल उठाए कि दुनिया में आज तक हाइड्रोजन बम नहीं फूटा, राहुल गांधी इसे फोड़ने की बात कह रहे हैं। जिस हड़बड़ी में भाजपा ने ये प्रेस कांफ्रेंस की और ऐसा लगा कि बिना तैयारी के ही पूर्व कानून मंत्री पत्रकारों को संबोधित करने बैठे थे, उससे जाहिर हो रहा है कि बिहार का माहौल अब भाजपा को डराने लगा है।
वैसे भी चुनाव आयोग पर अब और नए आरोप सामने आए हैं। रविवार को पवन खेड़ा ने बताया कि मतदाता सूची में गड़बड़ी की 89 लाख शिकायतें चुनाव आयोग को दी गई हैं। क्योंकि इससे पहले चुनाव आयोग ने अदालत में कहा था कि उसके पास शिकायतें नहीं आई हैं। कांग्रेस नेता ने बताया कि चुनाव अधिकारी बूथ एजेंटों से शिकायतें नहीं लेते और व्यक्तिगत शिकायत जमा करने कहते हैं, जो कि संभव नहीं है, क्योंकि लाखों लोग, जिनके नाम वोटर लिस्ट से कट चुके हैं वे चुनाव अधिकारी तक नहीं पहुंच सकते हैं। कांग्रेस ने कहा है कि बूथ एजेंटों ने सभी के आवेदन इक_ा कर, जिला अध्यक्षों के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी को जमा करवाए हैं। इस खुलासे से जाहिर है कि चुनाव आयोग तक शिकायत पहुंचाने की कोशिश राजनैतिक दल कर रहे हैं। इसी तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर ने चुनाव आयोग से सवाल किए हैं। क्योंकि पत्रकार श्रीनिवासन रमानी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में एसआईआर के तहत तो 65 लाख वोट विभिन्न इलाकों से काटे गए हैं, उनके विश्लेषण पर गंभीर सवाल उठते हैं। जैसे 80 इलाकों में युवा मतदाताओं के मृत्यु के आंकड़े आश्चर्यजनक रूप से सामने आए हैं। 127 इलाकों में वोटर लिस्ट में नाम काटने में लिंगभेद देखा गया है, 1985 इलाके ऐसे हैं, जहां अतार्किक तौर पर मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। 937 इलाके तो ऐसे हैं, जहां सारे मतदाताओं को मृत बताया गया है, 5084 इलाकों में बड़ी संख्या में अनुपस्थित मतदाता दिखाए गए हैं। ऐसी ही कई और अनियमितताओं का खुलासा रिपोर्ट में किया गया है, जिसकी गहन जांच की जरूरत बताई गई है।
इन खबरों से जाहिर है कि वोट चोरी का मुद्दा अकेले राहुल गांधी नहीं उठा रहे हैं, उनके साथ कई लोग चुनाव आयोग से जवाबदेही की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा किस किस को जवाब देगी।