महाराष्ट्र : चुनाव जीतने भाजपा की छटपटाहट
महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीतने के लिये भारतीय जनता पार्टी की बेताबी का आलम मतदान के पहले के दो दिनों में देखने को मिला;
महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव जीतने के लिये भारतीय जनता पार्टी की बेताबी का आलम मतदान के पहले के दो दिनों में देखने को मिला। सोमवार की रात चुनाव प्रचार करते हुए पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर बड़ा हमला हुआ जिसमें वे जख्मी हो गये, वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को मुम्बई के निकटस्थ एक उपनगर में नोट बांटते हुए पकड़ा गया। देशमुख राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के नेता हैं जिनके पुत्र सलिल काटोल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। नरखेड़ में प्रचार कर अनिल देशमुख नागपुर लौट रहे थे तभी उनकी कार पर पत्थरों से हमला हुआ। उनके सिर पर चोटें आईं। उन्हें पहले काटोल के शासकीय अस्पताल ले जाया गया तत्पश्चात उनकी चोटों को देखते हुए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 4 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआरआई दर्ज की गयी है, तो वहीं तावड़े के विरूद्ध चुनाव आयोग ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। तावड़े महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
बुधवार को प्रदेश की सभी 288 सीटों के लिये हुआ मतदान किस माहौल में सम्पन्न हुआ इसका अंदाजा तो लग ही गया, यह भी साफ है कि महाराष्ट्र की सत्ता किसी भी परिस्थिति में हाथ से न जाने देने के लिये भाजपा आमादा है। यहां भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) नेशनल डेमोक्रेटिक एलांयस (एनडीए) के तहत मैदान में हैं। उसके खिलाफ महाविकास आघाड़ी के नाम से कांग्रेस, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना एवं एनसीपी का शरद पवार धड़ा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। एनडीए के भीतर चल रहे मनमुटाव और मतभेदों के चलते वह कमजोर पिच पर खड़ी है तो दूसरी ओर महाविकास आधाड़ी (एमवीए) तमाम विपरीत परिस्थितियों तथा दुश्वारियों के बीच भी एकजुट है जिसके कारण सत्ता हाथ में होने के बाद भी एनडीए को चुनाव जीतने के लिये तमाम हथकण्डे अपनाने पड़ रहे हैं। देशमुख पर किये गये हमले के आरोपियों का अभी खुलासा नहीं हुआ है लेकिन देशमुख एवं उनकी पार्टी का विश्वास है कि पत्थर भाजपा के लोगों ने ही चलाये।
उधर विनोद तावड़े का किस्सा भी दिलचस्प मोड़ ले रहा है। राजनीतिक गलियारों में बात फैल चुकी है कि उनके द्वारा ठाणे जिले के नालासोपारा स्थित विवांत होटल में नोट बांटने की गुप्त सूचना खुद भाजपाइयों ने विरोधी गुट को पहुंचाई। यह इलाका बाहुबली और चार मर्तबा विधायक रहे हितेन्द्र ठाकुर का है। इस बार उनका पुत्र क्षितिज बहुजन विकास आघाड़ी की टिकट पर लड़ रहा है। मतदान की पूर्व संध्या यानी मंगलवार की शाम को तावड़े द्वारा किये जा रहे धन वितरण के दौरान बीवीए के सैकड़ों कार्यकर्ता पहुंच गये। उन्होंने वहां रखे काले बैग व नोट भरे लिफाफे दिखाये तथा बंडलों को मु_ियों में लहराते हुए फोटो खिंचवाए और तावड़े से सवाल-जवाब किये। पैसे बांटने का काम इतना पूर्व नियोजित था कि कुछ समय के लिये वहां का सीसीटीवी कैमरा बन्द करा दिया गया था। क्षितिज ने दावा किया है कि उनके हाथ में वह डायरी लग गयी है जिसमें तावड़े द्वारा बांटे जा रहे रुपयों का हिसाब है। हालांकि तावड़े अपने स्थानीय उम्मीदवार राजन नाईक के साथ सफाई देते रहे और चुनाव आयोग की ओर से निष्पक्ष जांच की मांग करते रहे लेकिन दोनों के खिलाफ मामले दर्ज हो ही गये।
मंगलवार की रात भर में तावड़े के इस धन वितरण की क्लिप्स और विस्तृत वीडियो महाराष्ट्र भर में फैल गये। देखना यह है कि इसका असर मतदान पर क्या हुआ। 23 नवम्बर को ही पता चल पायेगा जब सभी नतीजे निकलेंगे। जो भी हो, इसके कारण विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया। राहुल गांधी ने इस सन्दर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की खिंचाई की। उन्होंने पूछा कि 'अदानी द्वारा टेंपो में भर-भरकर महाराष्ट्र में नोट भेजे जाने की पीएम कब जांच कराएंगे?Ó कहा तो यहां तक जा रहा है कि महाराष्ट्र में वोटरों को लुभाने के लिये जमकर पैसा बंटा है। तावड़े से बरामद 5 करोड़ रुपये तो झलक मात्र है। राज्य में आम चर्चा है कि एक-एक वोट के लिये 10-10 हजार रुपये तक बांटे गये हैं। तावड़े द्वारा किये गये धन वितरण के मामले तथा देशमुख पर हुए हमले को लोग भाजपा की सत्ता की अकुलाहट से जोड़कर देख रहे हैं।
भाजपा द्वारा अपनाये जा रहे हथकण्डों से यह आशंका भी गहरानी स्वाभाविक है कि यदि एनडीए को बहुमत नहीं मिलता और एमवीए अपनी सरकार बनाने में विलम्ब करती है तो केन्द्र राज्यपाल के जरिये यहां वैसा ही खेला कर सकती है जिस तरह तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार बनवा दी थी। इसके लिये भाजपा ने शिवसेना तथा एनसीपी को तोड़ा था। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 26 नवम्बर तक प्रदेश की नयी सरकार का गठन हो जाना चाहिये अन्यथा वहां राष्ट्रपति शासन लगाने में केन्द्र सरकार देर नहीं करेगी। यह भाजपा की राजनीतिक मोडस आपरेंडी रहेगी कि पहले सत्ता को केन्द्र अपने हाथों में ले तत्पश्चात वहां ऑपरेशन लोटस के जरिये खुद की सरकार बना ली जाये। बुधवार को जेल जा चुके पूर्व आईपीएस अधिकारी ने शरद पवार की पुत्री व सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले पर क्रिप्टोकरेंसी में 235 करोड़ रुपये मूल्य के बिटकाइन की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।
माना जा रहा है कि इसके पीछे भाजपा का ही हाथ है। पाटिल के अनुसार इस राशि का उपयोग इस चुनाव में किया गया है। हालांकि इसका खंडन खुद शरद पवार ने यह कहकर किया है कि सत्ता के लिये भाजपा किसी भी हद तक गिर सकती है। अब सच्चाई तो जांच के बाद सामने आएगी, लेकिन चुनाव से पहले इस तरह के आरोप और खुलासे भाजपा की छटपटाहट को दर्शा रहे हैं।