ललित सुरजन की कलम से- भगवान ने सवाल पूछा!

एक रोचक खबर ट्विटर पर पढऩे मिली कि सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा में तीन साल बीतने के बाद पहली बार कोई प्रश्न पूछा;

Update: 2024-12-03 09:22 GMT

एक रोचक खबर ट्विटर पर पढऩे मिली कि सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा में तीन साल बीतने के बाद पहली बार कोई प्रश्न पूछा। इस पर मैंने टीका की- 'हे भगवान, जब स्वयं भगवान सवाल पूछने लगे तो हम सामान्य मनुष्यों के सवालों का उत्तर कौन देगा।' यह तो हुई मजाक की बात। किन्तु इस बहाने अपने समय की एक चिंताजनक सच्चाई पर विचार करने का मौका हाथ लग गया है।

हमने न जाने कब क्यूं अमिताभ बच्चन व सचिन तेंदुलकर इत्यादि को महानायक और शताब्दी पुरुष जैसे विशेषणों से नवाज दिया। जहां कुछेक आध्यात्मिक गुरु यथा ओशो रजनीश, श्रीराम शर्मा, सत्य साईं बाबा आदि स्वयं को भगवान कहलाने लगे थे मानो उन्हीं का बराबरी करते हुए ग्लैमर की दुनिया के इन सितारों को भी हमने भगवान बना डाला। मुझे संदेह होता है कि योग गुरु बाबा रामदेव भी इनके पीछे-पीछे ही चल रहे हैं। उन्होंने स्वयं को नोबेल पुरस्कार का अधिकारी तो घोषित कर ही दिया है। वे भी किसी दिन भारत रत्न से अलंकृत हो जाएं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।

यदि सचिन तेंदुलकर द्वारा अपने कार्यकाल का आधा समय बीत जाने के बाद राज्यसभा में एक सवाल उठाना समाचार बन सकता है, तो हमें इस पर गौर करने की आवश्यकता है कि आखिरकार क्या सोचकर क्रिकेट के इस महान खिलाड़ी को राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में मनोनीत किया गया। उन्हीं राष्ट्रपति द्वारा सचिन को भारत रत्न देने का भी क्या औचित्य था। जैसा कि हम जानते हैं राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से किए गए ये निर्णय वस्तुत: तत्कालीन सरकार के होते हैं, इसलिए पिछली सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी दोनों को आज शायद आत्मचिंतन करना चाहिए कि सचिन तेंदुलकर को इतना महत्व देकर देश, सरकार और पार्टी का क्या भला हुआ। यह सवाल फिल्म अभिनेत्री रेखा के बारे में भी है, जिन्हें राज्यसभा में लाया गया। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से हम उत्तर की अपेक्षा नहीं रखते, लेकिन शायद भूतपूर्व पत्रकार और वर्तमान राजनेता राजीव शुक्ला हमारी जिज्ञासा शांत कर सकते हैं, क्योंकि संभवत: इन निर्णयों के पीछे उनकी अहम् भूमिका थी।

(देशबन्धु में 10 दिसंबर 2015 को प्रकाशित)

https://lalitsurjan.blogspot.com/2015/12/blog-post_9.html

Full View

Tags:    

Similar News