आखिर जी राम जी बिल को तभी ही क्यों पेश किया, जब संसद का सत्र खत्म होने को है?, "सरकार इसे जल्दबाजी में पारित करने में जुटी" : प्रियंका चतुर्वेदी

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग का शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है कि प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की मौजूदा स्थिति ऐसी हो चुकी है कि आम लोगों का सांस लेना तक दूभर हो चुका है। ऐसे में अगर प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, तो इसे एक बहुत ही अच्छे कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के किंतु परंतु नहीं होने चाहिए;

By :  IANS
Update: 2025-12-18 07:46 GMT

प्रदूषण पर चर्चा एक अच्छा कदम, हम स्वागत करते हैं: सांसद प्रियंका चतुर्वेदी

नई दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग का शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है कि प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी की मौजूदा स्थिति ऐसी हो चुकी है कि आम लोगों का सांस लेना तक दूभर हो चुका है। ऐसे में अगर प्रदूषण पर चर्चा हो रही है, तो इसे एक बहुत ही अच्छे कदम के रूप में देखा जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार के किंतु परंतु नहीं होने चाहिए।

प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत में कहा कि प्रदूषण की वजह से आपातकाल जैसी स्थिति बनी हुई है। हमें दोषारोपण की प्रवृत्ति से बाहर निकलकर इसके समाधान का रास्ता तलाशना होगा, ताकि आगे चलकर सकारात्मक हो सके। प्रदूषण से मौजूदा समय में स्थिति इतनी विकराल हो चुकी है कि इस पर संसद में पहले ही दिन चर्चा हो जानी चाहिए थी। लेकिन, अफसोस ऐसा हुआ नहीं। खैर, अब कोई बात नहीं, देर से ही सही। लेकिन, हम लोगों ने कम से कम इस पर चर्चा की अहमियत को तो समझने का प्रयास किया।

राज्यसभा सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली में मौजूदा समय में प्रदूषण की स्थिति इस कदर गंभीर हो चुकी है कि केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना ही होगा। उसके पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस संबंध में चर्चा करे ताकि प्रदूषण से निपटने का पूरा समाधान निकाला जा सके ताकि यहां रहने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने आगे कहा कि मैंने हमेशा से ही इस बात की प्राथमिकता को रेखांकित किया है कि अगर हमें प्रदूषण का ठोस समाधान चाहिए, तो इसके लिए हमें एक समिति गठित करनी होगी। इस तरह की व्यवस्था ना सिर्फ हमें दिल्ली के लिए, बल्कि अन्य राज्यों में भी लागू करनी होगी, ताकि प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक ठोस समाधान निकाला जा सके और लोग एक प्रदूषणरहित वातावरण में सांस ले सकें। अगर इस तरह की समिति में पर्यावरण क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।

इसके अलावा, उन्होंने 'विकसित भारत जी राम जी बिल' को संसद में पेश किए जाने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि इस बिल को जल्दबाजी में पारित कराने की तैयारी की जा रही है। लेकिन, हम इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

उन्होंने इस बिल को पेश किए जाने की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आखिर इस बिल को तभी ही क्यों पेश किया जा रहा है, जब संसद का सत्र खत्म होने को है? इस बिल में कई प्रकार के विसंगतिपूर्ण तथ्य हैं, जिन्हें समय पर दुरुस्त करना होगा। लेकिन, सरकार इसे जल्दबाजी में पारित करने की तैयारी में जुटी हुई है, जिसे मौजूदा समय में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से इस बिल में प्रावधान किया गया है कि बजट का 40 फीसद हिस्सा राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाएगा, उसे लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बिल पर व्यापक चर्चा की जरूरत है। संसद के सभी सदस्यों को इस पर खुलकर अपनी बात कहने का पूरा हक होना चाहिए, ताकि इस बिल के संबंध में सभी तथ्य उभरकर सामने आ सकें।

शिवसेना सांसद ने कहा कि आनन-फानन में इस बिल को पास कराने से गरीबों के हितों पर कुठाराघात पहुंचेगा। यह उनके साथ नाइंसाफी होगी, क्योंकि मनरेगा एक रोजगार केंद्रित योजना है, जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि सभी लोगों को रोजगार मिले।

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