साइबर सुरक्षा प्राथकिमता, सतर्क है रेलवे: प्रभु

भारतीय रेल में पिछले तीन वर्षों में आधुनिक तकनीक के साथ उन्नयन का अभियान चल रहा है और इसी दिशा में रेलवे ने हाल ही में रेल क्लाउड सर्वर, रेल सारथी ऐप लॉन्च किए हैं;

Update: 2017-07-22 00:26 GMT

नई दिल्ली। 'भारतीय रेल में पिछले तीन वर्षों में आधुनिक तकनीक के साथ उन्नयन का अभियान चल रहा है और इसी दिशा में रेलवे ने हाल ही में रेल क्लाउड सर्वर, रेल सारथी ऐप लॉन्च किए हैं। रेलवे साइबर सुरक्षा को लेकर सदैव सतर्क है और इसे प्राथमिकता के आधार पर देखता है। यह परिचर्चा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में प्रभावी परिणाम में सहायक होगी।’रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने साइबर सुरक्षा पर एक परिचर्चा में यह विचार रखते हुए कहा कि परिचर्चा से साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सकेगा।

करीबन तीन दशक पूर्व भारतीय रेलवे में कंप्यूटराइजेशन शुरू हुआ था और टिकट, माल भाड़ा ढुलाई, ट्रेन परिचालन व रिले सिस्टम पूरी तरह से आईटी आधारित हैं। साइबर सुरक्षा अब रेलवे में प्राथमिक क्षेत्र है आईटी सिस्टम की समीक्षा, मानकीकरण, टेस्टिंग और क्वालिटी सार्टिफिकेशन इस दिशा में महती कदम हैं।  साइबर सुरक्षा के प्रबंधों को लागू करने पर बल देते हुए उन्होंने इससे साइबर हमलों से न सिर्फ रक्षा हो सकेगी एक आपात सक्रियता तंत्र साइबर हमलों को निष्क्रिय कर सकता है। रेल मंत्री ने नीति निर्धारण कर ऐसा तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जिससे पहुंच सीमित हो, अनधिकृत लोगों से गोपनियता बरकरार रहे व आईटी एप्लीकेशन की सुरक्षा की जा सके।

रेल मंत्री ने कहा कि ऐसा प्रबंध हो कि पेन ड्राइव आदि से भी डाटा चोरी को रोका जा सके  ऐसे प्रबंध आवश्यक हैं। मोबाइल फोन से विभिन्न एप्लीकेशन तक पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए इन्हें समृद्घ करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने भारतीय रेलवे के डाटा को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे एप्लीकेशन विकसित करने चाहिए जो संभावित खतरे पता लगा सकें, उन पर प्रतिक्रिया दें और उतनी ही तेजी से हमलों पर सक्रिय होकर आत्मरक्षा भी कर सकें। हालांकि रेलवे पर्याप्त सुरक्षा प्रबंधों के साथ ही नए एप्लीकेशन लॉन्च करता है विशेषकर मई 2017 के साइबर हमलों के मद्देनजर क्योंकि इस हमले से 150 देशों के दो लाख संस्थानों के कंप्यूटर प्रभावित हुए थे।

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