अग्निशमन कर्मियों की मौत पर मुआवजा :विपक्ष ने लगाया दोहरी राजनीति का आरोप

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा;

Update: 2018-02-16 11:41 GMT

-एमएम खान व तंजील अहमद के परिजनों को दिया था एक करोड़ का मुआवजा

नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली सरकार के अग्निशमन सेवा विभाग के शहीद कर्मचारियों के परिजन भेदभावपूर्ण, उदासीन और उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण दर-दर की ठाकरें खाने को मजबूर हैं। लगभग डेढ़ वर्ष बीत जाने पर भी आज तक इन्हें न सम्मान मिला न एक-एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशिए जिनका आपने कैबिनेट में निर्णय कर वायदा किया था। इसके ठीक विपरीत आपने उन शहीद कर्मचारियों के परिवार का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया और एक-एक करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई, जिनका दिल्ली सरकार से कोई संबंध तक नहीं था।

उन्होंने कहा कि यह सरकार की तुष्टिकरण की नीति, सम्प्रदाय और जाति के आधार पर बांटने की दोहरी, गन्दी राजनीति दिखती है।

भाजपा नेता ने कहा कि यह शहीद दमकल कर्मचारियों के परिवारों के साथ धोखा है। इन परिवारों ने अपना एकमात्र कमाने वाला दिल्लीवासियों की जान और माल बचाने में खो दिया और सरकार उनकी शहादत पर झूठी वाही.वाही लूटती रही। आपने पिछले लगभग डेढ़ वर्ष के दौरान शहीद हुए पांच अग्निशमन कर्मियों के परिवारों को उनको दिये जाने वाले एक करोड़ रुपये के मुआवजे से महरूम रखा है।

श्री गुप्ता ने कहा कि 28 सितम्बर 2016 को शहीद सुनील व मंजीत, 24 फरवरी 2017 को शहीद हरिओम और हरिसिंह तथा 31 मई 2017 को शहीद विजेनद्र पाल के परिवार आज भी आप के वायदा पूरा करने का भीगी पलखों से प्रतीक्षा कर रहे हैं । जब वे शहीद हुए थेए तब आप व आपके मंत्रियों ने शहीदकर्मियों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांतवना दी थी और आपने एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी करी थी । परन्तु यह घोषणा झूठी साबित हुई। आप ने 2 जुलाई 2016 को नई दिल्ली नगर परिषद के वित्तीय अधिकारी एमएम खान तथा सहारनपुर में गोली से मारे गए एनआईए अधिकारी तंजील अहमद के परिवारों को बुलाकर सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया और एक-एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी। मैं जानना चाहूॅंगा कि इस भेदभाव के प्रति क्या राजनीतिक कारण थे कि आपने अपने शहीद कर्मचारियों के परिजनों को उस सम्मान और मुआवजा राशि से महरूम रखा जा उसके हकदार थे और आपने उन शहीद उच्चाधिकारियों के परिवारों को सम्मानित किया और एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि दी जो दिल्ली सरकार के अधीनस्थ काम तक नहीं कर रहे थे। उन्होंने मांग की है इन परिजनों को सम्मान दिया जाए व मुआवजा की राशि भी दी जाए।

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