भाजपा को संविधान और कानून पर भरोसा नहीं : अखिलेश

अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि मामले मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परोक्ष टिप्पणी पर तंज कसा;

Update: 2019-10-06 17:51 GMT

लखनऊ । अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि मामले मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परोक्ष टिप्पणी पर तंज कसते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को संविधान और कानून पर भरोसा नहीं है।

 यादव ने रविवार को पार्टी दफ्तर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि अयोध्या मामले की सुनवाई अभी उच्चतम न्यायालय में जारी है, फिर एक अखबार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कैसे पता चल सकता है कि इस मामले में फैसला क्या होगा। दरअसल, भाजपा को संविधान और कानून पर भरोसा ही नहीं है जबकि उनकी पार्टी इस मामले में हर देशवासी की तरह न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर 36 घंटे तक चले विधानसभा के विशेष सत्र का मखौल उडाते हुये उन्होने कहा “ भाजपा का सब काम रात मे ही क्यों होता है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे जनता को परेशान करने वाले फैसलों का एलान भी रात में ही किया गया। रात में विधानसभा चलाने का कोई औचित्य नहीं था। 36 घंटे की तरह विधानसभा का सत्र सात दिन भी चलाया जा सकता था। ”

उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में सिर्फ सपा शासनकाल की योजनाओं को आगे बढाया जबकि उसका झूठा श्रेय लेने में देरी नहीं की। मेट्रो रेल,पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और रायबरेली और गोरखपुर में एम्स समेत तमाम योजनायें सपा ने शुरू की। इसके अलावा भाजपा ने अपने शासनकाल में एक भी बिजली इकाई नहीं शुरू की।

 यादव ने कहा कि उपचुनाव को निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न कराने पर आशंका जाहिर करते हुये कहा कि रामपुर के जिलाधकारी और पुलिस अधीक्षक को बदले जाने की पार्टी की मांग पर आयोग ने तवज्जो नहीं दी है। यह उप चुनाव में धांधली करा सकते हैं। भाजपा सरकार ईवीएम का लाभ लेने के साथ जिला और पुलिस प्रशासन का भी साथ लेने में माहिर हो चुकी है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हे इलाहाबाद के डीजे असोशिएसन का पत्र मिला है कि कारोबार से जुड़े एक करोड़ लोगों का रोजगार छीन लिया गया है। देश के सारे कारोबार पर भाजपा सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। हर जगह स्वदेशी अपनाना चाहते हैं, लेकिन अब निजीकरण कर रहे हैं। इनके हर कदम से सबसे अधिक नुकसान पिछड़ा-दलित का होगा, उनकी नौकरी और सम्मान छीनने की कोशिश है।

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