रांची से 'इंडिया' का बड़ा संदेश
बीते शुक्रवार 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान और आने वाले शुक्रवार 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चऱण के मतदान के बीच इंडिया गठबंधन की एक और महारैली ने चुनाव को और रोचक बना दिया है;
बीते शुक्रवार 19 अप्रैल को हुए पहले चरण के मतदान और आने वाले शुक्रवार 26 अप्रैल को होने वाले दूसरे चऱण के मतदान के बीच इंडिया गठबंधन की एक और महारैली ने चुनाव को और रोचक बना दिया है। गौरतलब है कि नरेन्द्र मोदी अब तक एनडीए की 4 सौ पार सीटों की जीत का दावा ही कर रहे थे, लेकिन अब वे राहुल गांधी की वायनाड से हार का दावा भी करने लगे है। लेकिन इसके बावजूद जिस तरह से नरेन्द्र मोदी चुनिंदा पत्रकारों और मीडिया घरानों को साक्षात्कार दे रहे हैं, और उन्हीं घिसे-पिटे सवालों के रटे-रटाए जवाब दिए जा रहे हैं, उन्हें देखकर लगता नहीं कि वे भाजपा की मजबूती को लेकर आश्वस्त हैं। बल्कि अब कर्नाटक में श्री मोदी ने यह दावा भी कर दिया कि देश के बड़े और ताकतवर लोग विदेशियों से हाथ मिलाकर उन्हें हराने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर है इस तरह का दावा जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए किया जा रहा है। हालांकि जनता अब नरेन्द्र मोदी के निरंतर विलाप को कितना सुनेगी, ये कहा नहीं जा सकता।
बहरहाल, चिलचिलाती धूप में रांची के ऐतिहासिक प्रभाततारा मैदान में इंडिया गठबंधन की महारैली रविवार को हुई। भले ही यह रैली झारखंड मुक्ति मोर्चा की विशाल रैली चाहे वहां के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार कर जेल में डाले जाने के खिलाफ आयोजित की गई हो, परन्तु जिस प्रकार से विपक्षी दलों के तमाम नेता जुटे और जैसी उन्होंने हुंकारें भरीं, उसने न केवल विपक्षी एकजुटता का बड़ा प्रदर्शन किया बल्कि देश भर में साफ संदेश गया है कि संयुक्त प्रतिपक्षी गठबन्धन यानी 'इंडिया' डरेगा तो नहीं। छह चरणों का मतदान शेष रहते 'झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रूकेगा नहीं' के नारे के साथ हुई इस रैली को 'उलगुलान' कहा गया जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ होता है क्रांति। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता- पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद शिबू सोरेन की अध्यक्षता में हुई इस विशाल रैली ने यह भी संदेश दे दिया कि तोड़ने के लिये भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिस प्रकार से विपक्षी नेताओं को जांच एजेंसियों के जरिये तंग कर रही है और उन्हें जेल भेज रही है, उसका अब कोई असर नहीं होने जा रहा। इसके विपरीत इंडिया न सिर्फ अटूट है वरन पूरी शक्ति के साथ भाजपा प्रणीत केन्द्र सरकार के खिलाफ मैदान में डटा हुआ है।
इस रैली में गठबन्धन में शामिल लगभग सभी दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए। जिन नेताओं का आना सम्भव नहीं हुआ, उनके प्रतिनिधि मौजूद थे और सभी ने न केवल एकजुटता दिखलाई वरन मोदी सरकार को इस चुनाव में हराने का संकल्प भी जतलाया। इस मंच के जरिये इंडिया गठबन्धन के सभी नेताओं ने देश की राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक परिस्थितियों का वर्णन करते हुए उन मुद्दों को उठाया जो इंडिया गठबन्धन के भागीदार दल देश भर में उठा रहे हैं। लगभग सभी नेताओं ने अपने भाषणों में मोदी सरकार की इस बात के लिये कड़ी आलोचना की कि वह पिछले 10 वर्षों से विपक्षी दलों को तोड़ने के लिये जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। अलग-अलग नेताओं ने विभिन्न संन्दर्भों के जरिये बतलाया कि लोकसभा का यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। यदि इस बार मोदी सरकार आई तो कुछ भी नहीं बचेगा। विभिन्न वक्ताओं द्वारा जिस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशासन और लोकतंत्र को खत्म करने की साजिशें बेनकाब की गईं उसने इंडिया की वही बात आगे बढ़ाई जो वह अब तक विभिन्न मंचों से कह रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा ने केवल महंगाई व गरीबी बढ़ाने का काम किया है और जुमलेबाजी की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार झारखंड में 134 सीटें हैं। इंडिया के घटक दल यदि मिलकर लड़ें तो भाजपा पराजित हो जायेगी। पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह संविधान व लोकतंत्र को बचाने की रैली है। उन्होंने कहा कि 'हेमंत सोरेन व जेल में ही बन्द दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम से मंच पर रखी खाली कुर्सियां भाजपा की कुर्सियां खाली करा देंगी।' उन्होंने यह भी दावा किया कि पहले दौर में जिन 102 सीटों पर मतदान हुआ है, उनमें 80 से 90 सीटें इंडिया को मिलने जा रही हैं। इसके कारण भाजपा डरी हुई है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भरोसा दिलाया कि भाजपा घबराई हुई है और वह हार चुकी है तभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल रही है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के पास कहने को कुछ नहीं है इसलिये वह बौखलाई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अगली बार आई तो लोगों का वोट डालने का अधिकार भी चला जायेगा।
रैली के जरिये नेताओं ने लोगों को बतलाया कि अगर मोदी सरकार तीसरी बार आई तो दलितों-वंचितों के अधिकार समाप्त हो जायेंगे क्योंकि भाजपा के कई नेता साफ कर चुके हैं कि पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला तो संविधान को बदल दिया जायेगा। भाजपा के अनंत हेगड़े, लल्लू सिंह, ज्योति मिर्धा, अरूण गोविल आदि इसे जाहिर कर चुके हैं। भ्रष्टाचार के मसले पर भी सभी वक्ताओं ने भाजपा तथा उसकी केन्द्र सरकार की पूरी तरह से पोल खोल दी। उन्होंने बताया कि किस तरह से भ्रष्टाचार का शोर मचाकर झूठे आरोपों में विपक्षी दलों के नेताओं को भाजपा सरकार जेलों में डाल रही तो वहीं दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों को भाजपा में शामिल कर रही है और उन्हें ऊंचे पदों पर बैठा रही है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने भरपूर चंदा वसूला। इलेक्टोरल बॉंड्स की बात बाहर आने से भाजपा और घबराई हुई है। माले के दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद भाजपा का बस चलता तो इसका नाम झारखंड नहीं वनांचल होता। उन्होंने ध्यान दिलाया कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ने वालों को मार डाला गया। कई लोगों को मानवाधिकारों की बातें करने वालों को जेल में ठूंसा गया है।
अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने आप व इंडिया के जरिये जनसामान्य के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन करने और उन्हें गुणवत्तायुक्त नागरिक सुविधाएं देने का वादा किया। कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन का जेल से भेजा गया पत्र पढ़कर सुनाया जिसमें उन्होंने लिखा कि झारखंड के संसाधनों पर कब्जा करने के लिये उन्हें जेल में डाला गया है। उन्होंने यह भी लिखा कि आदिवासियों के अधिकारों को मोदी सरकार छीन रही है। उन्होंने भाजपा सरकार की सोच आदिवासियों, दलितों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों आदि के खिलाफ बतलाई। झारखंड और केन्द्र से भाजपा को खदेड़ने की बात भी हेमंत सोरेन ने अपने पत्र में कही। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, झारखंड के सीएम चंपई सोरेन आदि ने लोगों का सत्ता परिवर्तन का आह्वान किया। चलते चुनाव के बीच हुई इस विशाल व सफल रैली भाजपा को और बैकफुट पर ले जायेगी।