पुलिस हिरासत में पिटाई से युवक की मौत का मामला

बलौदाबाजार ! 9 से 20 अप्रैल तक तकनीकी आधार पर सिटी कोतवाली हिरासत में हुई युवक की मौत पर प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार करने वाले पुलिस अमले ने अचानक हुए;

Update: 2017-04-22 00:03 GMT

पुलिस जानकारी देने से मीडिया को दूर रखा गया
बलौदाबाजार !  9 से 20 अप्रैल तक तकनीकी आधार पर सिटी कोतवाली हिरासत में हुई युवक की मौत पर प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार करने वाले पुलिस अमले ने अचानक हुए घटना क्रम में मृतक की पत्नी द्वारा 21 अप्रैल को दिये गये आवेदन के आधार पर युवक की हत्या के आरोप में निरीक्षक यातायात धीरज मरकाम व अन्य पर भादवि की धारा 302 (34) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर श्री मरकाम को गिरफ्तार कर पुलिस कंट्रोल रूप में रखा है। वहीं नगर वासियो को बेवजह पिछले 10 दिनों से तनाव के माहौल में ढकेलने के बाद आज हुई प्राथमिकी को लेकर पुलिस की तीखी आलोचना की जा रही है।
विदित हो 9 अप्रैल को यातायात नियमों का उल्लंघन के तहत जसवंत सलूजा को गिरफ्तार कर सिटी कोतवाली में हिरासत में रखा गया। करीब दो घंटे बाद जसवंत की लाश ही जिला चिकित्सालय पहुंची। जिसके बाद परिजनों ने यातायात निरीक्षक धीरज मरकाम व अन्य पर मृतक की थर्ड डिग्री से पिटाई का आरोप लगाया था। 9 अप्रैल की रात व 10 अप्रैल की सुबह 11.30 बजे तक नगर में चक्का जाम के चलते तनाव की स्थिति बनी रही। जिसके पश्चात चेम्बर आफ कामर्स, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों, मृतक के परिजनों की उपस्थिति में पुलिस अधीक्षक आरएन दास, एसडीएम तीर्थराज अग्रवाल की उपस्थिति में पुलिस कंट्रोल रूम में हुई बैठक के दौरान दोषी पुलिस कर्मियों पर हत्या का अपराध पंजीबद्ध करने की मांग परिजनों द्वारा की गयी थी। परंतु पुलिस अधीक्षक ने तकनीकी आधार पर सिटी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज करने में असमर्थता व्यक्त की थी। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट तौर पर न्यायिक जांच की घोषणा भी किया गया था।
मृतक के परिजनों द्वारा प्रारंभ से ही दोषी पुलिस कर्मियों पर हत्या का अपराध दर्ज करने व दोषियों की शिनाख्त करने की मांग की जा रही थी। परंतु पुलिस अमला इससे सरासर इंकार कर रहा था। बार-बार अमले द्वारा न्यायिक जांच की दुहाई दी जा रही थी। परंतु पुलिस 21 अप्रैल को पुन: मृतक की पत्नी सुनीता कौर एवं पुत्रियो सोनम व काजल द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आवेदन दिया गया। जिसमें उल्लेख करते हुए कहा गया की दुपहिया चालान कार्रवाई के बाद यातायात निरीक्षक धीरज मरकाम ने मृतक की सिटी कोतवाली में पिटाई की थी। उस दौरान आरक्षक आशुतोष बंजारे भी मौजूद था। वहीं अब तक कार्रवाई न होने से उद्वेलित सिख समाज ने मृतक के अंतिम अरदास 19 अप्रैल के दिन रैली निकालकर एसडीएम को जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपकर पुन: प्राथमिकी दर्ज करने की मांग किया। परंतु इस दौरान भी एसडीएम ने न्यायिक जांच जारी होने का हवाला दिया। जिसके बाद सिख समाज के लोग घेराव हेतु सिटी कोतवाली जा रहे थे। इसी दौरान वहां पहुंचे यातायात आरक्षक आशुतोष बंजारे को परिजनों ने देख लिया जिससे आहत रैली में शामिल लोगों का गुस्सा भडक़ उठा और मारपीट की घटना घटित हो गयी। परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर मामले में प्राथमिकी दर्ज करने जानबूझकर विलंब करने का आरोप भी लगाया है।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर घटना के 11 दिनो बाद आरोपी पुलिस कर्मियों पर भादवि की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध करने को लेकर नगरवासी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। परिजनों व नगरवासियों का कहना है कि जब प्राथमिकी दर्ज करना ही था तो 10 अप्रैल को तकनीकी आधार पर पुलिस अधीक्षक ने क्यों प्राथमिकी दर्ज करने में असमर्थता व्यक्त किया। इस दौरान मृतक के परिजन तो परेशान होते ही रहे, नगर में भी पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर तनाव बना रहा।
पुलिस हिरासत में युवक की पिटाई से मौत के मामले में यातायात निरीक्षक धीरज मरकाम व अन्य पर भादवि की धारा 302 (34) के तहत सिटी कोतवाली अपराध पंजीबद्ध होने के बाद जिला के प्रमुख पुलिस अधिकारी मीडिया का सामना करने से बचते रहे। यही नहीं पुलिस कंट्रोल रूम में अंदर जाने से भी मीडिया को रोक दिया गया। 10 दिनों पूर्व तकनीकी आधार पर प्राथमिकी दर्ज न होने की बात कहने एवं अचानक 21 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज किये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक आर एन दास के मोबाईल पर सम्पर्क किया गया तो लगातार उनके मोबाईल पर व्यस्त रहने का संदेश सुनाई दिया। बाद में उन्हें एसएमएम भी भेजा गया किन्तु कोई जवाब नहीं मिला। एडीशनल एसपी देवव्रत सिरमौर के मोबाईल पर लगातार रिंग जाती रही परंतु उन्होंने अटेंड नहीं किया। वहीं निरीक्षक सिटी कोतवाली सुभाष दास ने मृतक की पत्नी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करने की बात कहा परंतु अन्य किसी प्रकार के कथन देने में असमर्थता व्यक्त किया गया।

 

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