ललित सुरजन की कलम से - यह क्रिकेट नहीं अफीम है

हम जानते हैं कि हमारे देश में क्रिकेट के खेल में कितनी चालबाजियां की जा रही हैं;

By :  Deshbandhu
Update: 2025-09-15 20:28 GMT

हम जानते हैं कि हमारे देश में क्रिकेट के खेल में कितनी चालबाजियां की जा रही हैं। क्रिकेट खिलाड़ियों और प्रबंधकों के ढेरों स्कैण्डल सामने आ चुके हैं। कुछ साल पहले स्थिति यहां तक पहुंच गई थी कि इस खेल को संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगा था।

क्रिकेट की लोकप्रियता में भारी कमी आ गई थी, लेकिन फिर आमिर खान 'लगान' फिल्म लेकर आए तथा क्रिकेट के साथ स्वाधीनता संग्राम का मिथक जोड़कर खेल को नए सिरे से वैधता प्रदान कर दी गई।

आज तो हालत यह है कि 2 अप्रैल को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप का पटाक्षेप हुआ नहीं कि टी-20 सीरीज का प्रचार प्रारंभ हो गया। गोया इस देश में लोगों को कोई काम ही नहीं है, कि उन्हें फुरसत ही फुरसत है कि दिन-रात क्रिकेट मैच ही देखते रहें।

(7 अप्रैल 2011 को देशबन्धु में प्रकाशित)

https://lalitsurjan.blogspot.com/2012/05/blog-ost_2996.html

Tags:    

Similar News