ललित सुरजन की कलम से- छ.ग. : मुख्य सचिव बनाम मंत्री
एक ओर मुख्यमंत्री भरी धूप में प्रदेश में घूम-घूम कर जनता का विश्वास जीतने में लगे हुए हैं;
एक ओर मुख्यमंत्री भरी धूप में प्रदेश में घूम-घूम कर जनता का विश्वास जीतने में लगे हुए हैं, तो दूसरी ओर उनके मंत्री और विधायक मानो इस मुहिम को असफल करने की ठान रखे हैं।
मुझे आश्चर्य होता है कि जो मुख्यमंत्री विपक्ष का विश्वास जीतने में समर्थ हैं वह अपने ही साथियों के बीच शिथिल कैसे पड़ जाता है! इन दिनों प्रदेश में जहां भी जाओ एक मजेदार बात सुनने मिलती है।
आम चर्चा में लोग कहते हैं कि डॉ. रमन सिंह को फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए, लेकिन वहीं वे अपने स्थानीय भाजपा विधायक या मंत्री की पराजय की कामना करते हैं। डॉ. रमन सिंह की दूसरी पारी में इस तरह के अर्न्तविरोध उभरेंगे, कुछ समय पहले तक इसकी कल्पना शायद किसी ने न की होगी।
(देशबन्धु में 26 सितम्बर 2013 को प्रकाशित)
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