आखिर बताएं तो इन कृषि कानूनों में 'काला' क्या है: नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए कृषि कानूनों पर संबोधन दिया;

Update: 2021-02-05 15:12 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए कृषि कानूनों पर संबोधन दिया। नरेंद्र सिंह तोमर ने जहां एक ओर कृषि कानूनों पर किसानों को साधने की कोशिश की तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने विपक्ष क भी घेरा। तोमर ने कहा  "तीन कृषि कानूनों का मुद्दा इस समय ज्‍वलंत हैं। मैं विपक्ष के सदस्‍यों को धन्‍यवाद दूंगा कि उन्‍होंने सरकार को कोसने में कोई कंजूसी नहीं की। 

माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के सम्बोधन का राज्य सभा से सीधा प्रसारण #AgriBudget21 @nstomar @nsitharaman @narendramodi @AmitShah @ianuragthakur https://t.co/gOvphQc1G5

— Agriculture INDIA (@AgriGoI) February 5, 2021

तोमर ने कहा कि सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानो से भी वार्ता करके इसका हल निकलने की कोशिश की। मैने किसानों से साफ पूछा कि आखिर बताएं तो कि इन कृषि कानूनों में काला क्या है, मैं और हमारी सरकार इन कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश करेगी लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी समस्या लोगों ने सामने नहीं रखी। 

इसके साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को बहुआयामी बनाया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तोमर ने यूपीए सरकार में शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि मनरेगा के बारे में कहा जाता है कि ये गड्ढा खोदने की योजना है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में जब यह योजना शुरू की गई थी तो गड्ढा खोदने की ही योजना थी, मगर मौजूदा सरकार ने उसे बहुआयामी बनाया।

तोमर ने कहा की आज मनरेगा ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देने वाली योजना नहीं है बल्कि इसके इसके तहत बुनियादी संरचनाओं का भी निर्माण हो रहा है।

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