कांग्रेस को पराजित करने के लिए कृत संकल्प लिया: जोरमथांगा

जोरमथांगा ने भाजपाकी “ बीफ विरोधी छवि” पर कोई विवादित बयान नहीं देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी 2018 विधानसभा चुनावों में ललथनहावला की अगुवाई वाली कांग्रेस को पराजित करने के लिए कृत संकल्प है;

Update: 2017-09-09 13:18 GMT

नयी दिल्ली। मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री आैर मिजो नेशनल फ्रंट(एमएनएफ) के अध्यक्ष जोरमथांगा ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की “ बीफ विरोधी छवि” पर कोई विवादित बयान नहीं देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में ललथनहावला की अगुवाई वाली कांग्रेस को पराजित करने के लिए कृत संकल्प है।

 जोरमथांगा ने यहां यूनीवार्ता को बताया “अगले वर्ष मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों में राजनीतिक स्थिति और अन्य परिस्थितियां सत्ता परिवर्तन के अनुकूल दिखाई पड़ रही हैं।

” वह यहां पार्टी नेताओं के साथ भाजपा से संबद्ध पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए)की एक दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने आए थे। जब उनसे यह पूछा गया कि मिजोरम एक इसाई बहुल राज्य है और यहां के लोग बीफ खाते हैं तो ऐसे में भाजपा की बीफ विरोधी नीति और उनकी पार्टी का इस मामले में क्या रूख है,इस पर उन्हाेने कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन यह जरूर कहा कि हम एनईडीए और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ जुड़े हैं।

एमएनएफ सूत्रों ने बताया कि राजधानी में अपने प्रवास के दौरान इन नेताओं ने भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से मुलाकात की और वर्ष 1986 में हुए मिजो समझौत को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा।

पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह समझौता 31 वर्ष पहले हुआ था और उस समय श्री राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे लेकिन उस समझौते के चार बड़े वादों को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।

इन मुद्दों को विशेष तौर पर केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजु के समक्ष उठाया गया है और इस अाशय का एक ज्ञापन केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी सौंपा गया है।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि एमएनएफ नेताओं की बातों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा औरश्री रिजिजु ने अपनी तरफ से इस मामले में हर संभव मदद का अाश्वासन दिया है।

मिजोरम में इस समय कांग्रेस श्री ललथनहावला के नेतृत्व में काफी राहत महसूस कर रही है और वह एक कद्दावर नेता है जिन्हें लेकर कांग्रेस में कोई विवाद नही है।
वह दिसंबर 2013 में रिकार्ड पांचवी बार मिजोरम के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है खासकर राज्य के समक्ष वित्तीय संकट एक गंभीर स्थिति है।
 

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