युवाओं को इतिहास से सीख लेने की जरूरत: जनरल सिंह

केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वी के सिंह ने कहा कि भारत का इतिहास गौरवमयी रहा है लेकिन इसमें एक कमी रही कि हम अपने इतिहास की चीजों का यथावत रिकॉर्ड नहीं रख पाए, न कहानी में, न गीतों में एवं न अन्य;

Update: 2017-12-10 15:49 GMT

अलवर। केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री जनरल वी के सिंह ने कहा कि भारत का इतिहास गौरवमयी रहा है लेकिन इसमें एक कमी रही कि हम अपने इतिहास की चीजों का यथावत रिकॉर्ड नहीं रख पाए , न कहानी में , न गीतों में एवं न अन्य तरह से। इसका परिणाम यह हुआ कि हमने इतिहास में बहुत कुछ खो दिया।

 सिंह आज अलवर के राजऋषि कॉलेज में छात्रसंघ की ओर से आयोजित बौद्धिक संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज जो इतिहास प्रस्तुत किया जा रहा है वह इतिहास त्रुटियों के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। इतिहास से हमें काफी चीजें सीखनी चाहिए, लेकिन हम नहीं सीख पाते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेज लगभग हार गए थे लेकिन भारतीयों में समन्वय की कमी और अन्य कारणों के चलते अंग्रेज विजय प्राप्त कर गए।

भारत में रहकर अंग्रेजों ने एक बात सीखी कि अगर भारतवासी एक हो गए तो हमें भारत में नहीं रहने देंगे। अंग्रेजों ने इस बात पर मंथन किया कि भारत को किस तरीके से तोड़ें तो उन्होंने आपस में बांटने की रणनीति बनाई।

धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, क्षेत्र के नाम पर और समुदाय के नाम पर बांटने का ही परिणाम है कि हम आज भी समुदाय एवं भाषा के नाम पर बंटे हुए हैं।

उन्होंने भारतीय सेना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्यों के सरकारी तंत्र अपने किसी आपदा से निपटने के लिए कामयाब नहीं हो पाते तो सेना बुलाते हैं चाहे कुएं में गिरा बच्चा बाहर निकालना हो या कोई अन्य कार्य हो वहां सेना को बुलाते हैं।

उन्होंने कहा कि सेना की भावना देश के प्रति है जो न तो धर्म के नाम पर बंटी हुई है और न वर्ग के नाम पर, वह तो देश भावना के चलते अपने काम में लग जाते हैं।

उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि उनकी देश में अहम भूमिका है और वे इन चीजों में नहीं बंटेंगे तो निश्चित रूप से भारत का पूरे विश्व में परचम फहराएंगे। इसके लिए भारत के युवाओं को आगे आना होगा और देश के प्रति राष्ट्रीयता की भावना जागृत करनी होगी।

 

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