योगी-मोदी सरकार से नाराज है सहयोगी अकाली दल : भोगल

शिरोमणि अकाली दल धार्मिक और राजनीतिक दोनों तरह का संगठन है। उनका दल लंबे समय से भाजपा के सहयोगी दलों में है और आगे भी बना रहेगा;

Update: 2018-05-04 00:13 GMT

अमरोहा। शिरोमणि अकाली दल धार्मिक और राजनीतिक दोनों तरह का संगठन है। उनका दल लंबे समय से भाजपा के सहयोगी दलों में है और आगे भी बना रहेगा। हालांकि कुछ मुद्दों को लेकर केंद्र व यूपी की सरकार से नाराज है। यह कहना है शिरोमणि अकाली दल के उत्तर प्रदेश प्रभारी कुलदीप सिंह भोगल का।

गुरुवार को दल के निर्देशों पर गजरौला पहुंचे भोगल ने कहा कि सन 1984 के सिख विरोधी दंगों में सबसे ज्यादा नुकसान दिल्ली के बाद यूपी के कानपुर में सिखों को उठाना पड़ा था। यहां 127 सिखों का नरसंहार किया गया था। करोड़ों की संपत्ति फूंकी गई थी। योगी सरकार से उन्होंने इनके गुनहगारों की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट भेजने की मांग की थी लेकिन यह अभी तक नहीं भेजी गई है। इसमें कुछ दाल में काला लगता है। यहां के सिखों को अल्पसंख्यक होने के प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जा रहे हैं। 

भोगल ने आरोप लगाया कि संघ समेत कुछ ताकतें सिक्खों के इजिहास से छेड़छाड़ कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि सिखों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर हिन्दुओं की रक्षा की है। सिक्खों के इतिहास से छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे जन जन को अवगत कराने निकले हैं। उन्होंने कहा कि अकाली दल खालिस्तान की मांग का समर्थन नहीं करता है। खालिस्तान की मांग करने वाले अकाली दल के दुश्मन हैं। उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दल यूपी में अपना संगठन मजबूत करेगा। 

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