ट्रंप के सलाहकार ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को बताया 'मोदी का युद्ध'

चीन की विजय दिवस परेड में शामिल होंगे किम जोंग उन और पुतिन, -ट्रंप के टैरिफ से टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ खुले, - ट्रंप प्रशासन ने छात्रों और पत्रकारों के लिए नए वीजा प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा;

Update: 2025-08-28 10:44 GMT

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- चीन की विजय दिवस परेड में शामिल होंगे किम जोंग उन और पुतिन

-ट्रंप के टैरिफ से टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ खुले

- ट्रंप प्रशासन ने छात्रों और पत्रकारों के लिए नए वीजा प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा


नाटो के सभी सदस्य पूरा कर लेंगे 2% रक्षा खर्च का लक्ष्य

एक नई नाटो रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सभी 32 सदस्य देश अपनी जीडीपी का 2 फीसदी रक्षा खर्च करने के अपने पुराने लक्ष्य को पूरा करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, इस रिपोर्ट से पता चला है कि सिर्फ तीन देश ही नए, 3.5 फीसदी के लक्ष्य को पूरा कर पाए हैं.

2014 के वेल्स शिखर सम्मेलन के बाद पहली बार, स्पेन, इटली और बेल्जियम जैसे देश, जो पहले पीछे थे, अब अपने रक्षा बजट को बढ़ा चुके हैं. यह बढ़ोतरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय सहयोगियों से रक्षा पर अधिक खर्च करने की बार-बार की गई मांगों के बाद हुई है.

2 फीसदी के लक्ष्य को सामूहिक रूप से प्राप्त करने के बावजूद, हेग में 3.5 फीसदी के एक नए और अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर सहमति बनी है. अब तक केवल तीन सदस्य ही इस नए लक्ष्य को पूरा कर पाए हैं:

पोलैंड (4.48%) लिथुआनिया (4%) लातविया (3.73%)

हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्ण रूप से सबसे अधिक योगदान देता है, लेकिन जीडीपी के प्रतिशत के रूप में इसका रक्षा खर्च 3.22 फीसदी अनुमानित है, जो नए 3.5 फीसदी के लक्ष्य से कम है. जर्मनी के लिए कोई विशेष आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि बजट पास होने के बाद बर्लिन 2 फीसदी का लक्ष्य पूरा कर लेगा.

मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे मुंबई रवाना

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने पुणे से मुंबई तक विरोध मार्च शुरू कर दिया है. वे मुंबई के आजाद मैदान में 29 अगस्त को विरोध प्रदर्शन करेंगे. जरांगे ने इसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए मराठा समुदाय की आरक्षण मांग पर सहमति जताकर उनका समर्थन हासिल करने का एक सही मौका बताया है. मुंबई के आजाद मैदान थाने ने जरांगे को एक पत्र लिखकर अनुमति दी है कि वे 29 अगस्त को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आजाद मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकते हैं. शाम छह बजे के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को स्थल छोड़ना होगा.

साल 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए महाराष्ट्र राज्य आरक्षण अधिनियम लागू किया था, जिसमें मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण देने का प्रावधान था. लेकिन 2021 में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की एक संवैधानिक पीठ ने मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया.

कॉमनवेल्थ गेम्स की दावेदारी को कैबिनेट की मंजूरी

2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए भारत की बोली को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. साथ ही मेजबानी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दे दी गई है. ये फैसला 27 अगस्त को लिया गया. सरकार ने बुधवार को एक बयान में कहा, "इसके साथ ही संबंधित मंत्रालयों, विभागों और प्राधिकरणों से आवश्यक गारंटी के साथ मेजबान सहयोग समझौते (एचसीए) पर हस्ताक्षर करने और बोली स्वीकार होने की स्थिति में गुजरात सरकार को आवश्यक अनुदान सहायता की मंजूरी देने को भी मंजूरी दे दी गई."

कैबिनेट ने अहमदाबाद शहर को इन खेलों के लिए चुना है और उसे उम्मीद है कि इससे रोजगार और पर्यटन के अवसर पैदा होंगे. कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की दावेदारी अहमदाबाद में 2036 ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने के भारत के सपने का हिस्सा है. भारत ने पिछली बार 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन किया था लेकिन इसमें भ्रष्टाचार और कुप्रबंध के आरोप लगे थे. सरकारी बयान में कहा गया है, "ऐसे विश्वस्तरीय प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी से राष्ट्रीय गौरव और एकता की भावना को बढ़ावा मिलेगा."

ट्रंप के सलाहकार ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को बताया 'मोदी का युद्ध'

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार, पीटर नवारो ने रूस-यूक्रेन संघर्ष को "मोदी का युद्ध" बताते हुए एक विवादास्पद बयान दिया है. नवारो का दावा है कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदना ही मॉस्को की सैन्य आक्रामकता को बढ़ावा दे रहा है.

नवारो का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 50 फीसदी का टैरिफ लागू होने के कुछ घंटों बाद आया है. यह टैरिफ इस महीने की शुरुआत में लगाए गए 25 फीसदी के शुल्क के अतिरिक्त है. नवारो का कहना है कि भारत को अगर 25 फीसदी टैरिफ में छूट चाहिए, तो उसे रूस से रियायती कच्चे तेल की खरीद बंद करनी होगी.

ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा, "मेरा मतलब 'मोदी का युद्ध' है क्योंकि शांति का रास्ता, आंशिक रूप से, नई दिल्ली से होकर गुजरता है." उन्होंने दावा किया कि रूस, भारत से मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल अपनी युद्ध मशीन को चलाने के लिए कर रहा है. उन्होंने तर्क दिया कि इससे अमेरिका के संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि यूक्रेन लगातार हथियारों और धन की मांग कर रहा है.

भारत ने अमेरिकी दबाव के आगे न झुकने का संकेत दिया है. भारत सरकार ने इस कदम को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया है और कहा है कि वह अपनी राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा और किसानों के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा. भारत का कहना है कि उसका रूस से तेल खरीदना एक आर्थिक और राष्ट्रीय हित का फैसला है, और चीन जैसे कई अन्य देश भी रूस से बड़े पैमाने पर ऊर्जा खरीद रहे हैं.

ट्रंप प्रशासन ने छात्रों और पत्रकारों के लिए नए वीजा प्रतिबंधों का प्रस्ताव रखा

अमेरिका में बुधवार को जारी एक प्रस्तावित सरकारी नियम के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का लक्ष्य छात्रों, सांस्कृतिक एक्सचेंज विजिटर्स और मीडियाकर्मियों के लिए वीजा की अवधि को कड़ा करना है, जो कानूनी आव्रजन पर व्यापक कार्रवाई का एक हिस्सा है.

प्रस्तावित नियम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय छात्रों, एक्सचेंज विजिटर्स और मीडियाकर्मियों को अब निश्चित अवधि के लिए ही वीजा मिलेगा.

ट्रंप ने जनवरी में राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद व्यापक आव्रजन कार्रवाई शुरू कर दी थी. इस नए कदम से अंतरराष्ट्रीय छात्रों, एक्सचेंज वर्कर्स और विदेशी पत्रकारों के लिए नई मुश्किलें खड़ी होंगी, जिन्हें ज्यादा लचीली कानूनी स्थिति बनाए रखने के बजाय अमेरिका में अपने प्रवास की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करना होगा.

प्रस्तावित नियम के तहत एफ-वीजा पर गए अंतरराष्ट्रीय छात्रों, जे-वीजा पर सांस्कृतिक एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम के लिए गए लोगों और आई-वीजा के तहत अमेरिका काम करने गए मीडियाकर्मियों के लिए वीजा की अवधि की एक समय सीमा तय होगी.

अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में अमेरिका में एफ-वीजा पर लगभग 16 लाख अंतरराष्ट्रीय थे. अमेरिका ने 1 अक्टूबर, 2023 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 3,55,000 एक्सचेंज विजिटर्स और 13,000 मीडियाकर्मियों को वीजा दिया था.

अब नए नियम के मुताबिक छात्र और एक्सचेंज विजिटर्स की अवधि चार साल से ज्यादा नहीं होगी. मीडियाकर्मियों के लिए वीजा जो वर्तमान में सालों तक चल सकता है, अब 240 दिनों तक या चीन के पासपोर्ट वाले लोगों के मामले में 90 दिनों तक होगा. प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि वीजा धारक इसको आगे बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

भारतीयों के लिए अर्जेंटीना जाना हुआ आसान, वीजा नियम में ढील

भारत में अर्जेंटीना के राजदूत ने बुधवार को कहा कि अर्जेंटीना ने अमेरिकी वीजा वाले भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा को आसान बना दिया है, जिससे अर्जेंटीना के वीजा के बिना भी प्रवेश की अनुमति मिल गई है. अर्जेंटीना के राजदूत मरियानो कॉसिनो ने अपने एक्स एकाउंट पर यह जानकारी साझा की है.

उन्होंने लिखा, "अर्जेंटीना सरकार ने अमेरिकी वीजा वाले भारतीय नागरिकों के लिए देश में प्रवेश आसान कर दिया है. आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित प्रस्ताव, अमेरिकी पर्यटक वीजा वाले भारतीय नागरिकों को अर्जेंटीना वीजा के लिए आवेदन किए बिना ही प्रवेश की अनुमति देता है."

उन्होंने आगे कहा, "यह खबर भारत और अर्जेंटीना दोनों के लिए बहुत अच्छी है. हम भारत से और अधिक पर्यटकों का अपने सुंदर देश में स्वागत करने के लिए तैयार हैं."

ट्रंप के टैरिफ से टूटा शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी गिरावट के साथ खुले

भारत पर ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के बाद गुरूवार को शेयर बाजार में गिरावट का दौर दिखने को मिला. बाजार खुलते ही निफ्टी लगभग 180 अंक गिरकर 24,583 पर था, जबकि बीएसई सेंसेक्स 600 अंक से अधिक टूटकर 80,315 पर कारोबार कर रहा था.

इससे पहले मंगलवार को निफ्टी और सेंसेक्स में लगभग 1% की गिरावट आई, जो अमेरिकी टैरिफ लागू होने से पहले, तीन महीनों में एक दिन में हुई सबसे बड़ी गिरावट थी. बुधवार को गणेश चतुर्थी के मौके पर भारतीय शेयर बाजार बंद थे. जिसकी वजह से टैरिफ का असर बाजारों पर गुरूवार को दिखा.

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका द्वारा रूसी तेल की खरीद के कारण भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% आयात शुल्क लागू करने के बाद बाजार को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

चीन की विजय दिवस परेड में शामिल होंगे किम जोंग उन और पुतिन

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन अगले हफ्ते बीजिंग में एक सैन्य परेड में शामिल होंगे. यह छह साल में उनकी चीन की पहली यात्रा होगी.

चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, अगले 3 सितंबर को होने वाली इस परेड में किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत 26 विदेशी नेता शामिल होंगे. यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ और जापान के युद्धकालीन आक्रामकता के खिलाफ चीन के प्रतिरोध का प्रतीक है.

चीन के सहायक विदेश मंत्री हांग लेई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम जनरल सेक्रेटरी किम जोंग उन का चीन में इन समारोहों में भाग लेने के लिए गर्मजोशी से स्वागत करते हैं." उन्होंने कहा कि चीन और डीपीआरके (उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम) के बीच पारंपरिक दोस्ती को बनाए रखना, मजबूत करना और विकसित करना चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और चीनी सरकार की दृढ़ स्थिति है.

उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी, केसीएनए ने बताया कि किम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर चीन का दौरा करेंगे. हालांकि, यह नहीं बताया गया कि वह चीन में कितने समय तक रहेंगे या शी, पुतिन या अन्य नेताओं के साथ कोई आधिकारिक बैठक करेंगे या नहीं.

ईरान, बेलारूस, सर्बिया, क्यूबा, इंडोनेशिया, म्यांमार, पाकिस्तान और मलेशिया जैसे देशों के नेता भी इस परेड में शामिल होंगे. अमेरिका या अन्य प्रमुख पश्चिमी यूरोपीय देशों के किसी भी नेता के इसमें शामिल होने की उम्मीद नहीं है, जिसका एक कारण यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन के साथ उनके मतभेद हैं.


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