ट्रंप सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को बताया “टैरिफों का महाराजा”
डॉनल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को “टैरिफों का महाराजा” कहा है और ब्रिक्स समूह की भी आलोचना की है;
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- नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने दिया इस्तीफा
-इस्राएल ने दिया गाजा सिटी को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश
-जेफरी एपस्टीन को लिखी गई राष्ट्रपति ट्रंप की कथित चिट्ठी सामने आई
-जर्मनी में बढ़ रही एंटीसेमिटिक अपराधों की तादाद: रिपोर्ट
ट्रंप सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को बताया “टैरिफों का महाराजा”
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने भारत को “टैरिफों का महाराजा” कहा है. ‘रियल अमेरिकाज वॉइस’ शो के साथ एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि अगर भारत, रूस और चीन के साथ बना रहता है तो भारत के लिए इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.
इसी इंटरव्यू में उन्होंने ब्रिक्स समूह की भी आलोचना की, जिसमें भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका मुख्य सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को सामान बेचे बिना, ब्रिक्स के सदस्य देशों का काम नहीं चल सकता है. उन्होंने ब्रिक्स देशों की एकजुटता पर संशय जताते हुए कहा कि ये सभी देश ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे से नफरत करते हैं.
उन्होंने कहा, “मुख्य बात यह है कि इनमें से कोई भी देश, अमेरिका को सामान बेचे बिना जीवित नहीं रह सकता है और जब वे अमेरिका को अपना सामान बेचते हैं तो वे अपनी अनुचित व्यापार प्रथाओं से हमारा खून चूसने वाले पिशाचों की तरह होते हैं.”
इस्राएल ने दिया गाजा सिटी को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश
इस्राएली सेना ने मंगलवार को गाजा सिटी में रह रहे लोगों को चेतावनी जारी करते हुए जल्द से जल्द शहर खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि अगर हमास ने बंधकों को जल्द ही रिहा नहीं किया तो वह अपनी सैन्य कार्रवाई और तेज करेगा. वहीं, इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो में कहा कि गाजा सिटी में रह रहे लोग इस मौके का इस्तेमाल करें. साथ ही उन्हें वहां से निकल जाने की चेतावनी भी दी.
इस्राएली सेना के इस हुक्म के बाद गाजा में रह रहे करीब 10 लाख लोगों के लिए संकट पैदा हो गया है क्योंकि इस इलाके में पहले से जारी सैन्य कार्रवाई के बीच उनके पास अब सुरक्षित स्थानों के विकल्प बेहद कम हैं. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस्राएली सेना की तरफ से उन्हें अल राशिद एक्सिस की तरफ से पलायन करने का आदेश दिया गया है.
गाजा में रह रहे 36 साल के खालिद ने एएफपी से कहा कि हर तरफ बमबारी और मौत है इसलिए वह इस्राएल से पूछना चाहते हैं कि वे कहां जाएं. 7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद से गाजा में रहने वाले करीब बीस लाख लोग अब तक विस्थापित हो चुके हैं.
जर्मनी में बढ़ रही एंटीसेमिटिक अपराधों की तादाद: रिपोर्ट
बीते साल के मुकाबले 2025 में जर्मनी में एंटी सेमिटिक यानी यहूदियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जर्मन पुलिस के हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2025 की दूसरी तिमाही में 2024 के मुकाबले अधिक एंटीसेमिटिक अपराध दर्ज किए गए.
इस साल अप्रैल से जून के दौरान करीब 899 ऐसे मामले रिकॉर्ड किए गए. इनमें से 451 मामलों को पुलिस ने धुर-दक्षिणपंथ से प्रेरित बताया, वहीं 322 मामले विदेशी विचारधारा से जुड़े पाए गए. इनमें से कुछ मामलों में कुल 15 लोगों को मामूली चोटें भी आई. वहीं पिछले साल इसी अवधि में ऐसे अपराधों की संख्या 715 थी.
जर्मन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भी 2023 के मुकाबले एंटीसेमिटिक घटनाओं में 77 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. बीते साल एंटीसेमिटिज्म के कुल 8000 मामले सामने आए थे.
पिछले साल जर्मनी में एंटीसेमिटिज्म से निपटने के लिए एक विवादास्पद प्रस्तावको मंजूरी भी दी गई थी जिसका कड़ा विरोध भी हुआ था. 7 अक्तूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के आतंकी हमले के बाद से ही जर्मनी में यहूदी विरोधी घटनाओं और भावनाएं बढ़ती दिखी हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने दिया इस्तीफा
नेपाल में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि देश में जारी विषम परिस्थितियों को देखते हुए वे तुरंत प्रभाव से अपना पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि वे समस्या का समाधान करने और इसे राजनीतिक रूप से सुलझाने में मदद करने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं.
इससे पहले पीएम ओली ने मंगलवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की थी. लेकिन प्रदर्शनकारियों का सरकार के खिलाफ गुस्सा थमता नहीं दिखा. प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी काठमांडू में संसद और अन्य जगहों के सामने इकट्ठा हो गए थे. इस दौरान उनकी सुरक्षाबलों के साथ झड़पें भी हुईं.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई मंत्रियों को सेना के हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नेपाल के नागरिक विमानन प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि प्रदर्शनों के चलते काठमांडू के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
जर्मनी: मौखिक यौन शोषण जल्द ही बन सकता है कानूनी अपराध
जर्मनी जल्द ही मौखिक रूप से होने वाले शोषण को अपराध घोषित कर सकता है. जर्मनी की न्याय मंत्री श्टेफनी ह्यूबिश ने कहा है कि उनके हिसाब से मौखिक यौन शोषण के खिलाफ कानून वास्तविकता बन सकता है. जर्मन अखबार राइनफालत्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जर्मनी की गठबंधन सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या शोषण के खिलाफ मौजूदा कानून के दायरे को बढ़ाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा, “महिलाएं और लड़कियां यौन शोषण के कारण सहम जाती हैं, उन्हें चोट पहुंचती है. मुझे इससे गुजरना बेहद मुश्किल लगता है, कई महिलाएं ऐसा ही महसूस करती हैं.”
हालांकि, यह पूछने पर कि क्या किसी असफल शिकायत और दंडनीय अपराध के बीच कोई रेखा खींची जाएगी तो उन्होंने कहा कि मौखिक रूप से किए गए हमले बेहद साफ और ठोस स्थितियों में होते हैं, यह करने वाले को भी पता होता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की कानून व्यवस्था ऐसे मामलों को संभालने में सक्षम है.
हालांकि, ऐसा करने वाला जर्मनी पहला देश नहीं होगा. नीदरलैंड में सार्वजनिक स्थानों में होने वाले मौखिक यौन शोषण को जुलाई 2024 में कानून अपराध घोषित किया गया था.
नेपाल: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और गृहमंत्री के घर में लगाई आग
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर से प्रतिबंध हटा लिए जाने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन जारी हैं. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार, 9 सितंबर को देश के कुछ बड़े नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, स्थानीय रिपोर्टों और सोशल मीडिया पर साझा किए जा रहे वीडियो में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी शीर्ष नेताओं के घरों पर हमले कर रहे हैं.
एपी के मुताबिक, नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और गृह मंत्री रमेश लेखक के घर में आगजनी की गई है. इनके अलावा, नेपाल के पूर्व पीएम और ‘नेपाली कांग्रेस’ पार्टी के नेता शेर बहादुर देउबा के घर में भी आग लगाई गई है. देउबा की पत्नी के एक निजी स्कूल में भी आगजनी की गई. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल माओवादी के प्रमुख पुष्प कमल दहल के घर में भी आग लगा दी गई है.
राजधानी काठमांडू और कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है. इसके बावजूद, कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों का गुस्सा प्रधानमंत्री केपी ओली की सरकार की तरफ मुड़ रहा है. प्रदर्शनकारी उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगा रहे हैं और उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
थाइलैंड के पूर्व पीएम थाकसिन शिनावात्रा को फिर हुई जेल की सजा
थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्रीथाकसिन शिनावात्रा को को वहां की सर्वोच्च अदालत ने एक साल की जेल की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि शिनावात्रा ने 2023 में अपनी जेल की सजा अच्छे से पूरी नहीं की इसलिए उन्हें एक साल और जेल में गुजारना होगा. इस दौरान वह अस्पताल में थे लेकिन अदालत ने कहा कि उन्हें अस्पताल भेजना कानूनी तौर पर वैध नहीं था और अस्पताल में रहने को जेल की सजा पूरी करने के तौर पर नहीं देखा जा सकता है. उन्होंने एक रात भी जेल में नहीं गुजारी जिसके बाद आम नागरिकों में उन्हें खास सुविधाएं देने को लेकर रोष दिखा.
थाइलैंड की पूर्व पीएम और थाकसिन की बेटी पेओंगथान शिनावात्रा ने अदालत के फैसले पर कहा कि अपनी पूर्व राजनीतिक भूमिका और देश के लिए किए गए योगदान और लोगों की जिंदगी बेहतर करने के अपने उद्देश्य के साथ उनके पिता एक आध्यात्मिक नेता बने रहेंगे. 2023 में शिनावात्रा जेल जाने से पहले 15 साल के निर्वासन से लौटे थे. उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में सजा सुनाई गई थी.
जेफरी एपस्टीन को लिखी गई राष्ट्रपति ट्रंप की कथित चिट्ठी सामने आई
अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी की एक समिति ने बीती सोमवार रात को कथित तौर पर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा जेफरी एपस्टीन को लिखा गया एक 'पत्र' सार्वजनिक किया. डेमोक्रेटिक पार्टी के दावे के मुताबिक, ट्रंप ने एपस्टीन को यह चिट्ठी 2003 में उसके 50वें जन्मदिन के मौके पर लिखी थी. पार्टी ने इसे एपस्टीन के बर्थडे बुक के नाम से सार्वजनिक किया है, जिसमें कई और नामी-गिरामी लोगों के नाम शामिल हैं.
हालांकि, ट्रंप लगातार यह दावा करते आए हैं कि उन्होंने एपस्टीन को ऐसी कोई चिट्ठी नहीं लिखी. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने भी एक्स पर लिखा कि उन्होंने पहले ही यह साफ कर दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यह तस्वीर नहीं खींची ना ही उन्होंने इस पर हस्ताक्षर किए थे. इस चिट्ठी में कथित तौर पर एक महिला की तस्वीर भी बनी हुई है. कई दूसरे रिपब्लिकन नेताओं ने भी इस चिट्ठी को फर्जी बताते हुए कहा है कि उस पर ट्रंप के हस्ताक्षर नहीं हैं.
जेफरी एपस्टीन से कई अमेरिकी सेलेब्रिटी के साथ-साथ ट्रंप का नाम भी जोड़ा जा चुका है. हालांकि, ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने एपस्टीन से अपनी दोस्ती बीस साल पहले ही तोड़ ली थी. एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों का शोषण और तस्करी करने के आरोप लगे थे. 2019 में जेल में बंद एपस्टीन ने संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली थी.
हिंसक प्रदर्शनों में 19 की मौत के बाद सरकार ने सोशल मीडिया से हटाया बैन
बीते सोमवार को नेपाल की राजधानी काठमांडू में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद जिले के कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. इन प्रदर्शनों में मरने वालों की कुल संख्या 19 बताई गई है. प्रदर्शनों के बाद नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को भी हटा दिया है.
नेपाल के आईटी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने इस बात की जानकारी दी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को उन्होंने बताया कि सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाए प्रतिबंध के आदेश को वापस ले लिया है और ये सभी प्लेटफॉर्म अब काम करने लगे हैं.विरोध प्रदर्शनों को रोकने के उद्देश्य से काठमांडू के कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. यह आदेश तब लागू किया गया जब प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को मारे गए लोगों के लिए शांति सभा बुलाने का ऐलान किया.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस हिंसा से दुखी हैं और इसे स्वार्थी उद्देश्यों से की गई घुसपैठ बताया है. साथ ही मारे गए लोगों के लिए मुआवजे और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की भी घोषणा की है. ओली ने यह भी जानकारी दी है कि घटना की जांच, इसमें हुए नुकसान और वजहों को जानने के लिए एक पैनल बनाया जाएगा जो 15 दिनों के भीतर ऐसे सुझाव देगी जिससे ऐसी घटना भविष्य में दोबारा ना हो.
प्रदर्शनों के बाद नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए अडवाइजरी भी जारी कर उन्हें सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है. साथ ही मंत्रालय ने प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए शोक भी जताया.
भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी, शाम को होगी वोटों की गिनती
भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान मंगलवार, 9 सितंबर की सुबह शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपना वोट डाला. उनके साथ कुछ मंत्रियों और सांसदों ने भी मतदान किया. उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने बताया कि मतदान सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा. वोटों की गिनती मतदान खत्म होने के बाद शाम को होगी.
उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन को और इंडिया गठबंधन ने बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही गठबंधनों ने अपने-अपने उम्मीदवार की जीत का भरोसा जताया है. वहीं, बीजू जनता दल, भारत राष्ट्र समिति और शिरोमणि अकाली दल जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने मतदान में हिस्सा ना लेने का फैसला किया है.