बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग के खिलाफ राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन
पिछले हफ्ते बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक की भीड़ ने हत्या कर दी. इस घटना के विरोध में, 23 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ, जिसमें शामिल लोगों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है;
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- राहुल गांधी बोले, भारत में लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला हो रहा
- दिल्ली में प्रदूषण बरकरार, हवा की गुणवत्ता “खतरनाक”
- 'रीयूजेबल रॉकेट' तकनीक में चीन की एक और कोशिश नाकाम
- पाकिस्तान में पुलिस की गाड़ी पर हमला, पांच अधिकारियों की मौत
- बांग्लादेश में हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग के खिलाफ भारत में प्रदर्शन
पिछले हफ्ते बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक की भीड़ ने हत्या कर दी. इस घटना के विरोध में, 23 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ, जिसमें शामिल लोगों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है. समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, यह प्रदर्शन 'विश्व हिंदू परिषद' के नेतृत्व में हुआ.
क्या भारत-विरोध के मुद्दे पर लड़ा जाएगा बांग्लादेश चुनाव?
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की तस्वीरें जलाईं और उनके खिलाफ नारे लगाए. "बांग्लादेश के बहिष्कार" की मांग करते पोस्टर दिखे. टीवी फुटेज में दिखा कि प्रदर्शनकारियों ने हाई कमीशन के बाहर लगे बैरिकेडों को पार करने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई.
एक प्रदर्शनकारी ने 'इंडिया टुडे' से कहा, "हमें जरूरत थी कि दिल्ली में बांग्लादेश के हिंदुओं की आवाज उठाएं और हमने यह कर दिया. जब तक वहां एक भी हिंदू को नुकसान पहुंचाया जाएगा, हम नहीं रुकेंगे."
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इससे पहले 20 दिसंबर को भी एक प्रदर्शन हुआ था. बांग्लादेश ने कहा है कि प्रदर्शनों के मद्देनजर भारतीय राजदूत को तलब किया गया और घटनाओं की तफ्तीश करने की मांग की गई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 20 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में "20-25 युवक" शामिल थे, जिन्हें पुलिस ने कुछ ही मिनटों में हटा दिया.
लिंचिंग की जिस घटना के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं, वह बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में हुई. यहां भीड़ ने 27 साल के फैक्ट्री कामगार दीपू चंद्र दास को पीटा और फिर आग लगा दी. भीड़ का आरोप था कि दीपू ने ईशनिंदा की है. लिंचिंग के इस केस में कम-से-कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
श्रीलंका को 4,000 करोड़ रुपये का सहायता पैकेज देगा भारत
दित्वाह नाम के चक्रवात से श्रीलंका को बहुत नुकसान पहुंचा. इससे उबरने में सहायता के लिए भारत, श्रीलंका को करीब 4,000 करोड़ रुपये का सहायता पैकेज देगा. दो दिन के दौरे पर श्रीलंका गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार, 23 दिसंबर को इसकी घोषणा की. जयशंकर ने एक सोशल पोस्ट में लिखा कि भारत का प्रस्तावित सहायता पैकेज दोनों देशों के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब श्रीलंका 2022 के आर्थिक संकट से उबर ही रहा था, तब प्राकृतिक आपदा ने नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं. जयशंकर ने बताया कि भारत जो मदद देगा, वह चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए क्षेत्रों में काम आएगा. इसके तहत रेलवे लाइनों, सड़कों और पुलों को बहाल किया जाएगा. क्षतिग्रस्त घरों का पुनर्निमाण किया जाएगा. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी मदद की जाएगी.
चक्रवात दित्वाह के चलते श्रीलंका में नवंबर-दिसंबर महीने में भीषण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं हुईं. 640 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. विश्व बैंक का अनुमान है कि इस प्राकृतिक आपदा के चलते श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को करीब चार अरब डॉलर का नुकसान हुआ, जो देश की जीडीपी के चार फीसदी के बराबर है.
पाकिस्तान में पुलिस की गाड़ी पर हमला, पांच अधिकारी मारे गए
उत्तरपश्चिम पाकिस्तान में संदिग्ध मिलिटेंट्स ने पुलिस की एक गाड़ी पर हमला किया और पांच अधिकारियों की हत्या कर दी. समाचार एजेंसी एपी ने स्थानीय पुलिस के हवाले से बताया कि हमला खैबर पख्तूनख्वा के करक जिले में हुआ. पुलिस की टीम यहां तेल और गैस फील्ड के पास रूटीन गश्ती पर थी.
अफगानिस्तान: क्या 4 साल बाद भी अलग-थलग पड़ा हुआ है तालिबान?
स्थानीय पुलिस के प्रमुख नूर वली ने बताया कि अधिकारियों को मारने के बाद हमलावरों ने उनकी गाड़ी पर पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी. वारदात के बाद पुलिस की एक बड़ी टीम हमलावरों की तलाश में जुट गई है. पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सुहैल अफरीदी ने हमले की निंदा की है.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति वार्ता नाकाम
अभी तक किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन आशंका है कि इसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का हाथ हो सकता है. अफगानिस्तान की सरहद से लगे इस प्रांत में पहले हुए कई हमलों में भी अधिकारियों ने इसी संगठन को दोष दिया था.
अफगानिस्तान में संघर्षविराम की कोशिशों के बीच पाकिस्तानी तालिबान बढ़ा रहा मुश्किलें
पाकिस्तान का आरोप है कि जब से तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में लौटा है, टीटीपी आजादी से वहां काम करता है. तालिबान इन आरोपों को खारिज करता है. आपसी अविश्वास और आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों पक्षों में काफी तनाव है. अक्टूबर में तालिबान ने पाकिस्तान पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया. इसके बाद सीमा पर हुई हिंसक झड़पों में बहुत से लोग मारे गए. इस्तांबुल में पिछले हफ्ते हुई वार्ता बिना किसी समझौते के खत्म हुई.
चीन का 'रीयूजेबल रॉकेट' का दूसरा टेस्ट भी नहीं हुआ सफल
चीन को 'लॉन्ग मार्च 12ए' रॉकेट के लॉन्च से रीयूजेबल रॉकेट तकनीक में मनमुताबिक नतीजा नहीं मिला. 22 दिसंबर को हुई लॉन्चिंग में रीयूजेबल रॉकेट का फर्स्ट स्टेज (नीचे के हिस्से में लगा बूस्टर) रीकवर नहीं किया जा सका. हालांकि, रॉकेट का ऊपरी हिस्सा 'सेकेंड स्टेज' कक्षा में तय जगह पर पहुंच गया.
8 दिन की अंतरिक्ष यात्रा 9 महीने के इंतजार में कैसे बदली
'लॉन्ग मार्च 12ए' को चीन की एक सरकारी रॉकेट फर्म ने बनाया है. इसी महीने चीन की एक निजी कंपनी 'लैंडस्केप' ने भी रीयूजेबल रॉकेट लॉन्च किया था, लेकिन उसकी भी लैंडिंग कामयाब नहीं रही.
पृथ्वी से बाहर जीवन का सबसे मजबूत संकेत मिला
'रीयूजेबल रॉकेट टेक्नॉलजी' में लॉन्चर को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि उसे रीकवर करके फिर इस्तेमाल किया जा सके. लॉन्चिंग में 'फर्स्ट स्टेज' या मुख्य हिस्सा रॉकेट को वातावरण में तय ऊंचाई पर ले जाता है, और फिर अलग होकर वापस पृथ्वी पर लैंड करता है. रॉकेट का ऊपरी हिस्सा पेलोड को लेकर पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाता है.
अंतरिक्ष अभियानों में अमेरिका से आगे निकलने की कोशिश कर रहा चीन इस तकनीक में कामयाबी पाने की कोशिश कर रहा है. मगर, वो अब तक पीछे बना हुआ है. अब तक केवल दो अमेरिकी कंपनियां, स्पेस एक्स और ब्लू ऑरिजिन ही यह कारनामा कर पाई हैं. बल्कि, स्पेस एक्स अकेली कंपनी है जिसे ऑर्बिटल रॉकेट के मुख्य हिस्से को लैंड कराने और वापस उड़ाने में सफलता मिली है. इस तकनीक में कामयाबी का मतलब है, कम लागत में ज्यादा लॉन्च. इसकी मदद से अंतरिक्ष अभियान ज्यादा नियमित और किफायती हो सकेंगे.
दिल्ली में प्रदूषण से राहत नहीं, एक्यूआई "गंभीर" स्तर पर
भारत की राजधानी दिल्ली में मंगलवार, 23 दिसंबर की सुबह हवा की गुणवत्ता "गंभीर" स्तर पर पहुंच गई. सुबह आठ बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 413 दर्ज किया गया. आनंद विहार में 466, चांदनी चौक में 425 और अशोक विहार में 444 एक्यूआई मापा गया.
इंडिया गेट, कर्तव्य पथ और राष्ट्रपति भवन का इलाका भी जहरीले स्मॉग से ढका नजर आया. यहां 384 एक्यूआई दर्ज किया गया. 'वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग' ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 लागू कर दिया है. ट्रकों के जरिए सड़कों पर पानी छिड़का जा रहा है, लेकिन इससे कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है.
फिक्की की स्वास्थ्य सेवा समिति के अध्यक्ष डॉक्टर हर्ष महाजन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बताया कि सीने में दर्द, सांस ना आने और एलर्जी के मामले काफी बढ़ गए हैं. उन्होंने कहा कि यह बता पाना मुश्किल है कि इनमें से कितने मामले सर्दी के मौसम के चलते आए और कितने प्रदूषण के कारण. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि फिलहाल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदम पर्याप्त नहीं हैं और सरकार एवं नागरिकों को मिलकर इस समस्या से निपटना चाहिए.
जर्मनी आए राहुल गांधी का आरोप, जांच एजेंसियों को हथियार बना रही है बीजेपी
भारत की लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी में कहा है कि बीजेपी, भारत के संस्थागत ढांचे का इस्तेमाल राजनीतिक ताकत को बढ़ाने के लिए कर रही है. राजधानी बर्लिन में आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल ने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों को हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया.
राहुल गांधी ने कहा कि ईडी और सीबीआई ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ एक भी केस नहीं दर्ज किया, जबकि "उनका विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को देखिए, आपको पता चलेगा कि उनमें से ज्यादातर मामले राजनीतिक हैं." राहुल ने कहा, "अगर आप एक बड़े व्यवसायी हैं और आप कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने की कोशिश करते हैं, तो आपको डराया जाएगा. ईडी और सीबीआई आपके पास आ जाएंगे."
राहुल ने बीजेपी को मिले चंदे के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "बीजेपी और विपक्षी पार्टियों के पास उपलब्ध धन के अंतर को देखिए. आप देखेंगे कि यह 1:30 के अनुपात में है." उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला हो रहा है और विपक्ष के तौर पर उन्हें इसका विरोध करने के तरीके खोजने होंगे.
'इंडियन एक्सप्रेस' की एक खबर में बीजेपी की कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि साल 2024-25 में पार्टी को 6,000 करोड़ से ज्यादा का चंदा मिला. यह चंदा साल 2023-24 के मुकाबले 53 फीसदी अधिक है. वहीं, कांग्रेस को बीते वित्त वर्ष में 522 करोड़ रुपये का चंदा मिला जो बीजेपी की तुलना में 12 गुना कम है. कांग्रेस समेत करीब दर्जन भर विपक्षी पार्टियों को बीते साल चंदे में करीब 1,340 करोड़ रुपये मिले.